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बॉम्बे हाईकोर्ट आज इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन के 75 फीसदी और टॉप 20 परसेंटाइल एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को चुनौती देने वाली याचिका पर अब अप्रैल की 6 तारीख को सुनवाई होगी। एडवोकेट अनुभा श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट में 21 फरवरी को सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट इसे ले नहीं पाई। अब सुनवाई की रिवाइज्ड तारीख 6 अप्रैल घोषित की गई है। इस तारीख पर स्टूडेंट्स फैसला की उम्मीद कर सकते हैं। आपको बता दें कि याचिका में स्टूडेंट्स ने मांग की है कि जेईई मेन के लिए 75 फीसदी और टॉप 20 परसेंटाइल पात्रता क्राइटेरिया को या तो खत्म किया जाए या फिर उसे कम करके 50 फीसदी किया जाए।
आपको बता दें कि एक बड़े बदलाव के तहत इस बार जेईई मेन में 2020 से पहले के 12वीं में 75 फीसदी मार्क्स वाले नियम को फिर से बहाल कर दिया गया है। कोरोना से पहले आईआईआईटी, एनआईआई व सीएफटीआई संस्थानों में एडमिशन के लिए 12वीं में कम से कम 75 फीसदी मार्क्स लाना अनिवार्य हुआ करता था। लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना के चलते यह शर्त हटा दी गई थी। लेकिन 2023 से इसे फिर से लागू कर दिया गया है। जेईई मेन के इस एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को लेकर स्टूडेंट्स, अभिभावकों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। विवाद को बढ़ता देख केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जेईई मेन 2023 एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में बदलाव का फैसला किया। इसके बाद बदली गई गाइडलाइंस में कहा गया कि उम्मीदवारों के 12वीं बोर्ड एग्जाम में कम से कम 75 फीसदी नंबर होना चाहिए या फिर संबंधित बोर्ड एग्जाम रिजल्ट में टॉप 20 परसेंटाइल उम्मीदवारों में से एक होना चाहिए।
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