
Ranchi: भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अपने-अपने राज्यों में अवैध तरीके से रह रहे इन विदेशियों की पहचान करें और उन्हें होल्डिंग सेंटर में रखा जाए. इसके बाद जरूरी जांच-पड़ताल पूरी कर उन्हें उनके देश वापस भेजा जाएगा.
केंद्र का झारखंड सरकार को पत्र
इस संबंध में गृह मंत्रालय ने राज्यों को पत्र भेजकर पूरी प्रक्रिया को स्पष्ट किया है. झारखंड सरकार को भी इस बाबत लेटर मिला है जिसमें कहा गया है कि सभी जिलों में ऐसे लोगों की पहचान कर स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाए. ये टीमें अवैध बांग्लादेशी और म्यांमार (रोहिंग्या) नागरिकों को चिन्हित कर उनके फिंगर प्रिंट और फोटो लेगी, ताकि उन्हें डिपोर्ट करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके.
कोस्ट गार्ड को सौंपे जाएंगे विदेशी
गृह मंत्रालय के निर्देश के अनुसार, होल्डिंग सेंटर में रखने के बाद इन विदेशियों की जांच सुरक्षा एजेंसियों की ओर से की जाएगी. जांच पूरी होने पर इन्हें सीमा सुरक्षा बल (BSF) या कोस्ट गार्ड को सौंपा जाएगा. इसके बाद संबंधित देशों बांग्लादेश और म्यांमार को ये नागरिक सौंपे जाएंगे.
कार्रवाई को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू
हालांकि, इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है. झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी ने केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर केंद्र सरकार को अब जाकर यह कदम उठाने की जरूरत क्यों पड़ी? पिछले 11 वर्षों में इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
कितना प्रभावी रहेगा ये कदम
बता दें कि अवैध रूप से देश में रह रहे विदेशियों की वजह से आंतरिक सुरक्षा और संसाधनों पर दबाव बढ़ता है. केंद्र का मानना है कि इस तरह की सख्त कार्रवाई से देश की सुरक्षा मजबूत होगी और अवैध घुसपैठ पर रोक लग सकेगी. इतना ही नहीं केंद्र सरकार का यह कदम आने वाले समय में कई राज्यों में कानून व्यवस्था और राजनीतिक माहौल को भी प्रभावित कर सकता है. हालांकि, अब देखना होगा कि राज्य सरकारें इस आदेश को कितनी गंभीरता से लागू करती हैं और क्या यह कार्रवाई पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ पाती है.
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