Monday, July 8, 2024
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J&K: धारा 370 हटाने के विरोधियों पर गुलाम नबी आजाद का निशाना, बोले- नासमझ हैं


हाइलाइट्स

गुलाम नबी आजाद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का विरोधियों को नासमझ कहा.
आजाद ने कहा कि उनको राज्य के इतिहास और भूगोल की जानकारी नहीं है.
आजाद ने क्षेत्रीय पार्टियों का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष किया.

डोडा. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने रविवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त (Abrogation of Article 370) करने का विरोध करने वाले लोगों को केंद्र शासित राज्य जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के इतिहास और भूगोल की कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने यह टिप्पणी तब की, जब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अनुच्छेद 370 के तहत पहले राज्य रहे जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को छीनने के केंद्र के कदम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है. गौरतलब है कि इस महीने धारा 370 को खत्म किए जाने के 4 साल पूरे होने के मौके पर भाजपा ने कश्मीर में शांति, विकास और समृद्धि के नए युग की तस्वीर उभरने की बात कही है.

डोडा में मीडिया से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने क्षेत्रीय पार्टियों का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष किया. पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘जो लोग अनुच्छेद 370 को रद्द करने का विरोध कर रहे हैं, वे जमीनी स्थिति के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के इतिहास और भूगोल से अनजान हैं. अनुच्छेद 370 किसी विशेष इलाके, राज्य या धर्म के लिए नहीं था बल्कि सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद था.’ आजाद ने कहा कि ‘मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है. मेरा मानना है कि वह इस कदम के सभी पहलुओं पर गौर करेगा.’

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इससे पहले बीजेपी ने एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा कि ‘अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर में शांति, विकास और समृद्धि आई है.’ 5 अगस्त को धारा 370 के निरस्त होने के 4 साल होने पर पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ ‘हाउस अरेस्ट’ में रखा गया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 पर पहले एक सुनवाई के दौरान सवाल पूछा कि ‘एक प्रावधान जिसे विशेष रूप से संविधान में एक अस्थायी प्रावधान के रूप में उल्लेख किया गया था, स्थायी कैसे हो सकता है?’

Tags: Article 370, Ghulam nabi azad, Jammu and kashmir, Supreme Court



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