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झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से 28 जनवरी को आयोजित झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता (जेएसएससी सीजीएल) की तृतीय पाली की परीक्षा रद्द कर दी गई है। रविवार की देर रात आयोग ने परीक्षा रद्द करने की अधिसूचना जारी की। परीक्षा की अगली तिथि जल्द ही जारी की जाएगी। इससे पहले पेपर लीक की शिकायत के बाद अभ्यर्थियों ने रांची समेत कई जिलों में हंगामा और प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सामान्य ज्ञान/सामान्य अध्ययन के प्रश्न लीक हुए हैं। परीक्षा से तीन घंटे पहले ही पर्चा लीक हो गया था। कागज पर लगभग 70 प्रश्न व उसके उत्तर लिखे हुए थे। पर्चा से प्रश्न को मिलान किया गया, तो 70 से 80 तक उत्तर सही पाए गए।
जेएसएससी के एक अधिकारी ने बताया कि पर्चा लीक होने की शिकायत मिली है। इसकी सत्यता की जांच की जाएगी। सही पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
50 से अधिक प्रश्न लीक पर्चा में हूबहू मिले
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से 10 वर्ष के अंतराल के बाद आयोजित झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (जेएसएससी सीजीएल-2023) रविवार को संपन्न होने के बाद तुरंत ही विवाद में आ गई। राजधानी रांची सहित प्रदेश के सभी जिलों के परीक्षा केंद्रों में रविवार को यह परीक्षा ली गई।
परीक्षा के बाद रांची सहित कई जिलों से पर्चा लीक होने की शिकायत आने लगी। खासकर पेपर तीन प्रश्नों के लीक होने की शिकायत अभ्यर्थियों ने की। इसे लेकर रांची के मेन रोड स्थित स्टेट लाइब्रेरी के बाहर अभ्यर्थियों ने देर शाम प्रदर्शन भी किया। दूसरे जिलों में भी प्रदर्शन किया गया।
अभ्यर्थियों का कहना था कि तीसरे सत्र में सामान्य ज्ञान/सामान्य अध्ययन के प्रश्न लीक हुए हैं, जिससे उनके भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। जेएसएससी के खिलाफ छात्रों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि हमेशा ही परीक्षा से पहले झारखंड में गड़बड़ी होना नियति बन गई है।
अभ्यर्थियों उठाए कई सवाल
अभ्यर्थियों का कहना था कि पेपर तीन में 150 प्रश्न पूछे गए, जिसमें झारखंड से 40, गणित से 20, रिजनिंग से 20, जीके/जीएस से 30, विज्ञान से 20 और कंप्यूटर से 20 प्रश्न पूछे गए। जो जेनरल स्टडी का पर्चा लीक हुआ उसमें सभी हिस्से को मिलाकर 50 प्रतिशत से अधिक के प्रश्न और उसके जवाब पहले ही लीक हो गए थे।
अभ्यर्थियों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की स्टेट लाइब्रेरी के समक्ष प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए अभ्यर्थियों ने सरकार से इस मामले में उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच की मांग की है। उनका कहना था कि जब हस्त लिखित प्रश्न और उत्तर मिले थे, तब हमें यह गलत लगा था, लेकिन बाद में परीक्षा के प्रश्न से मिलाया गया तब यह काफी हद तक सही था। परीक्षा में पूरी तरह से गड़बड़ी हुई है और इसकी जांच होनी चाहिए। अभ्यर्थी चार फरवरी को होनेवाली परीक्षा को भी स्थगित करने की मांग कर रहे थे।