हाइलाइट्स
इस सप्ताह में सूर्य का राशि परिवर्तन होगा. सूर्य देव मिथुन राशि में गोचर करेंगे.
योगिनी एकादशी व्रत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है.
मिथुन संक्रांति 15 जून गुरुवार को शाम 06 बजकर 29 मिनट पर है.
जून 2023 का तीसरा सप्ताह आज 11 जून रविवार से प्रारंभ हुआ है. 11 जून से 17 जून के बीच योगिनी एकादशी, गुरु प्रदोष, आषाढ़ मासिक शिवरात्रि, आषाढ़ दर्श अमावस्या जैसे व्रत और पर्व आने वाले हैं. इस सप्ताह में ही सूर्य की मिथुन संक्रांति भी है. जिस दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने का विधान है. इससे पुण्य प्राप्त होता है. इस सप्ताह में सूर्य का राशि परिवर्तन होगा. सूर्य देव मिथुन राशि में गोचर करेंगे. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि इस सप्ताह के ये व्रत-त्योहार कब और किस दिन हैं? इनका क्या महत्व हैं?
जून 2023 साप्ताहिक व्रत और त्योहार
14 जून, दिन-बुधवार: योगिनी एकादशी व्रत
योगिनी एकादशी व्रत 2023: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है. इस साल योगिनी एकादशी व्रत 14 जून को हे. उस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं. भगवान विष्णु की कृपा से पाप मिट जाते हैं और मोक्ष की
प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से 80 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का पुण्य फल प्राप्त होता है. जो इस व्रत की कथा को सुनता है, उसे भी पुण्य मिलता है.
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15 जून, दिन-गुरुवार: मिथुन संक्रांति, गुरु प्रदोष व्रत, सूर्य गोचर
मिथुन संक्रांति 2023: सूर्य की मिथुन संक्रांति 15 जून गुरुवार को है. उस दिन मिथुन संक्रांति का क्षण शाम को 06 बजकर 29 मिनट पर है. इस दिन मिथुन संक्रांति का पुण्यकाल और महा पुण्यकाल शाम 06 बजकर 19 मिनट से शाम 07 बजकर 20 मिनट तक है. महा पुण्यकाल में संक्रांति का स्नान और दान होगा. इससे पाप मिटेंगे, पुण्य मिलेगा.
सूर्य गोचर 2023: 15 जून को सूर्य का गोचर मिथुन राशि में होगा. सूर्य देव 15 जून से 17 जुलाई तक मिथुन राशि में रहेंगे. इस दिन से सौर कैलेंडर का नया माह मिथुन प्रारंभ होगा. मिथुन में सूर्य के गोचर से सभी 12 राशियों पर शुभ या अशुभ प्रभाव पड़ेगा.
गुरु प्रदोष व्रत 2023: आषाढ़ का पहला प्रदोष व्रत या गुरु प्रदोष व्रत 15 जून को है. उस दिन शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 20 मिनट से रात 09 बजकर 21 मिनट तक है. इस दिन पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है.
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16 जून, दिन-शुक्रवार: आषाढ़ मासिक शिवरात्रि
आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023: आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 16 जून को है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा की जाती है. मासिक शिवरात्रि में रात्रि पूजा का महत्व होता है. इस रात निशिता पूजा मुहूर्त देर रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक है.
17 जून, दिन-शनिवार: आषाढ़ दर्श अमावस्या
आषाढ़ दर्श अमावस्या 2023: आषाढ़ माह की दर्श अमावस्या 17 जून शनिवार को है. आषाढ़ अमावस्या तिथि 17 जून को सुबह 09 बजकर 11 मिनट से 18 जून को सुबह 10 बजकर 06 मिनट तक है. दर्श अमावस्या के दिन पितरों के लिए पिंडदान, श्राद्ध कर्म, तर्पण आदि किया जाता है. आषाढ़ अमावस्या का स्नान और दान 18 जून को होगा.
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Tags: Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : June 11, 2023, 06:30 IST