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रवि पायक
भीलवाड़ा. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के चावंडिया के बाद अब यहां का नेहरू तलाई प्रवासी और स्थानीय पक्षियों का बसेरा बनता जा रहा है. यह परिंदों के डेरा डालने के लिए सबसे सुरक्षित जगह बनती जा रही है. इसके चलते नेहरू तलाई में प्रवासी और स्थानीय पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता है. इसके कारण पक्षी प्रेमी और सैलानी इन पक्षियों को देखने के लिए इस तलाई में आते हैं. पक्षियों के संरक्षण को लेकर नेहरू तलाई में हर वर्ष जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाता है. इस शिविर के जरिये आमजन को पक्षियों को बचाने के साथ-साथ इनकी दिनचर्या के बारे में लोगों को जानकारी दी जाती है. ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा पक्षियों के प्रति जागरूक हों.
माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय के प्रोफेसर और पक्षी एक्सपर्ट डॉ. अनिल त्रिपाठी ने बताया कि भीलवाड़ा शहर के नेहरू उद्यान की नेहरू तलाई में प्रवासी पक्षियों को निहारने के लिये बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमियों का जमावड़ा लगा रहता है. यह स्थान पक्षियों प्रेमियों का पसंदीदा स्थान है. यहां आकर अलग-अलग प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं
आपके शहर से (भीलवाड़ा)
अनेक प्रजातियों के पक्षी आते हैं यहां
नेहरू तलाई में मुख्य रूप से विसलिंग डक, नोब्ड बिल्ड डक, नार्दन शावलर, यूरेशियन मोरहेन, यूरेशियन कूट, ग्रे हेडेड स्वाम्पहेन, वाइट हेडेड वाटर हेन, गजपांव, रफ, जांघिल, पनकौआ, करिछ्या बगुला, पॉन्ड हेरोन, ब्लेक क्राउन्ड नाइट हेरोन, ग्लोसी आइबिस, शिकरा, धनेश, किलकिला, काॅपर स्मिथ बारबेट, काला कोतवाल, हाउस क्रो, पर्पल सनबर्ड, हाउस स्पैरो सहित प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की प्रजातियां यहां पाई जाती हैं.
बता दें कि, नेहरू तलाई की बीच का टापू मानवीय हस्तक्षेप से बचा होने से कई पक्षी प्रजातियों का आश्रय स्थल बना हुआ है.
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Tags: Bhilwara news, Bird Expert, Forest department, Rajasthan news in hindi, Wildlife news in hindi
FIRST PUBLISHED : March 09, 2023, 16:07 IST
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