
रिपोर्ट:अर्पित बड़कुल
दमोह. बुंदेलखंड अपने खास जायकों को लेकर मशहूर है. यहां मिठाइयों की भी अच्छी खासी वैरायटी मिलती है. रसखीर हो या खुरमे, बुंदेली मीठे व्यंजन जो भी एक बार चख ले, भूलता नहीं. बुंदेली क्षेत्र दमोह में एक और मिठाई बड़े चाव से खाई जाती है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कलाकंद की ऐसी स्वादिष्ट मिठाई के बारे में, जिसका जलवा आज भी बरकरार है. दमोह जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर सीतानगर ग्राम पंचायत में बनने वाला का कलाकंद पूरे जिले में अपने बेहतरीन स्वाद के मशहूर है.
अगर दमोह में किसी को कलाकंद खाना हो, तो वह सीतानगर जाना चाहता है. यही नहीं, यहां के कलाकंद की मिठास का लुत्फ उठाने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. रूपेश यादव हलवाई ने बताया कि वो एक दिन में करीब 2 से 3 थाल कलाकंद बेच देते हैं. एक थाल में 7 से 8 किलोग्राम कलाकंद बनता है. 300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से यहां आप कलाकंद ले सकते हैं. अब आपको इसकी आसान रेसिपी के बारे में भी जानना चाहिए.
कैसे बनता है लजीज कलाकंद?
मावा, शक्कर, दूध, क्रीम, इलायची पाउडर, ड्राई फ्रूट्स और शुद्ध देशी घी के मिश्रण से कलाकंद तैयार किया जाता है. कलाकंद का स्वाद जितना लाजवाब होता है, इसे बनाना उतना ही आसान होता है. यदि आप अगर घर पर स्वादिष्ट स्वीट डिश बनाना चाहते हैं तो कलाकंद जरूर ट्राई कर सकते हैं.
रूपेश हलवाई के मुताबिक कलाकंद तैयार करने के लिए सबसे पहले कढ़ाई में घी डालकर मावे को धीमी आंच में गरम किया जाता है. लगभग 25 से 30 मिनिट सेकने के बाद उसे सफेद कपड़े के छन्ने से छानना पड़ता है. शक्कर की चाशनी ठीक तरह से मिलाने के बाद कढ़ाई से उतार कर कोपर में भर कर ढक दिया जाता है.
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Tags: Damoh News, Street Food
FIRST PUBLISHED : April 08, 2023, 08:34 IST