बेंगलुरु. कर्नाटक में सीएम पद का चेहरा कौन होगा? अब यह सबसे बड़ा सवाल सभी के सामने है. कांग्रेस ने चुनाव से पहले सीएम पद के नाम की घोषणा नहीं की थी, ऐसे में जीत के बाद से ही यह सस्पेंस बना हुआ है कि किसे सीएम की कुर्सी मिलेगी. सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों की मानें तो कर्नाटक में सिद्धरमैया को बागडोर मिल सकती है. कांग्रेस के 75 वर्षीय नेता सिद्धरमैया की दावेदारी को सशक्त माना जा रहा है और उनके समर्थक भी इसी ओर संकेत दे रहे हैं.
सिद्धरमैया शनिवार को जब मैसूर में जब संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे तो उनमेे एक नई ऊर्जा नजर आ रही थी. सम्मेलन के दौरान सिद्धरमैया का कहना था, ‘कर्नाटक के चुनाव परिणाम 2024 में कांग्रेस की जीत की ओर महत्वपूर्ण कदम साबित होगा’. गौरतलब है कि सिद्धरमैया इससे पहले कई बार कह चुके हैं कि यह उनका अंतिम चुनाव है और इसके बाद वे सन्यास ले लेंगे.
वरिष्ठता और अनुभव का मिल सकता है फायदा
शनिवार को सिद्धरमैया ने यह साफ संकेत दिया कि उनकी निगाहें भविष्य की संभावनाओं पर टिक गई हैं. मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने की इच्छा जता चुके सिद्धरमैया अब आगे होने वाले घटनाक्रम का इंतजार कर रहे हैं. उधर, मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धरमैया और कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार मुख्य तौर पर दौड़ में हैं. सिद्धरमैया वर्ष 2013 से 2018 तक मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की बागडोर संभाल चुके हैं. ऐसे में उनका अनुभव काम आ सकता है.
साल 2013 में एम. मल्लिकार्जुन खरगे (वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष) और तत्कालीन केंद्रीय श्रम मंत्री को पछाड़ते हुए सिद्धरमैया मुख्यमंत्री बने थे. करीब ढाई दशक से ‘जनता परिवार’ से जुड़े रहे और कांग्रेस विरोधी रुख के लिए पहचाने जाने वाले सिद्धरमैया 2006 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. साल 2004 में खंडित जनादेश के बाद कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने कर्नाटक में गठबंधन सरकार बनाई थी, जिसमें कांग्रेस नेता एन. धर्म सिंह मुख्यमंत्री जबकि तत्कालीन जद (एस) नेता सिद्धरमैया को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था.
कानून के हैं जानकार
जानकारी के लिए बता दें कि सिद्धरमैया कुरुबा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और यह समुदाय राज्य में तीसरी सबसे बड़ी आबादी है. सिद्धरमैया को जद (एस) से बर्खास्त किए जाने के बाद पार्टी के आलोचकों ने दावा किया था कि उन्हें इसलिए हटाया गया क्योंकि जद (एस) नेता एचडी देवेगौड़ा कुमारस्वामी को पार्टी के नेता के रूप में बढ़ाने के इच्छुक थे. सिद्धरमैया 1983 में लोकदल के टिकट पर चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट से जीत हासिल कर पहली बार विधानसभा पहुंचे. उन्होंने इस सीट से 5 बार जीत हासिल की और 3 बार पराजय का स्वाद चखा. मैसुरू जिले के गांव सिद्धारमनहुंडी में 12 अगस्त 1948 को जन्मे सिद्धरमैया ने मैसुरू विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली और बाद में यहीं से कानून की डिग्री हासिल की.
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Tags: Assembly election, Congress, Karnataka Assembly Election 2023, Siddaramaiah
FIRST PUBLISHED : May 13, 2023, 16:25 IST