Sunday, February 23, 2025
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Karnataka Politics LIVE: सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार? खड़गे आज बेंगलुरु जाएंगे, CM के नाम का ऐलान संभव


बेंगलुरु. कर्नाटक के मुख्यमंत्री के लेकर चल ही कांग्रेस पार्टी में बैठकों का दौर आज खत्म हो जाएगा. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज बेंगलुरु में विधायक दल की बैठक बुलाकर सीएम के नाम का ऐलान कर सकते हैं. सीएम पद के लिए जिन दो नामों पर चर्चा चल रही है, उनमें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का नाम शामिल है. दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री चुनने को लेकर जद्दोजहद जारी है. चुनावी नतीजे को आए हुआ आज चार दिन हो गए. लेकिन अभी तक केवल बैठकों का दौर जारी है.

इसी कड़ी में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मगंलवार को मुलाकात की थी और राज्य में सरकार का नेतृत्व किसे करना चाहिए, इस पर अपने विचार व्यक्त किए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पहले यह चर्चा थी कि दोनों को ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले के तहत सीएम बनाया जाएगा. लेकिन दोनों ही नेता इसपर तैयार नहीं हुए. हालांकि अब यह खबर है कि कांग्रेस पार्टी के आलाकमान ने नाम लगभग तय कर लिया है, जिसका ऐलान आज हो सकता है.

सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार ने कहा कि खड़गे के मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें कोई समस्या नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर उन्हें सीएम पद नहीं दिया गया तो वह विधानसभा में विधायक के रूप में बैठेंगे और वह किसी अन्य प्रस्ताव के लिए तैयार नहीं हैं. शिवकुमार ने खड़गे को 2006 से सिद्धारमैया की गलतियों के बारे में भी बताया, जिस साल पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस में शामिल हुए थे. शिवकुमार ने कहा कि सिद्धारमैया दो बार विपक्ष के नेता थे और उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया.

सूत्रों के मुताबिक डीके शिवकुमार ने मल्लिकार्जुन खरगे से कहा कि जब से सिद्धारमैया (कांग्रेस में शामिल हुए) आए हैं, वह विपक्ष के नेता या मुख्यमंत्री के तौर पर इतना पावर में रहे हैं कि आप भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकते. शिवकुमार ने खरगे से कहा, ‘अगर आप सीएम बन रहे हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है.’ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्होंने पार्टी के लिए काम किया है. जबकि सिद्धारमैया ने संगठन के निर्माण में योगदान नहीं दिया है और सिर्फ सत्ता का आनंद लिया है. सबसे खराब स्थिति में, शिवकुमार ने कहा कि एक दलित को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, लेकिन सिद्धारमैया को नहीं.

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