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Karnataka Elections Result: कर्नाटक विधानसभा चुनावों के एक्जिट पोल अनुमानों व मतदान के प्रतिशत को लेकर राजनीतिक दल अपने-अपने आकलन में जुटे हैं। अधिकांश एक्जिट पोल में कांग्रेस की बढ़त से ज्यादा महत्वपूर्ण राज्य में अब तक का सबसे ज्यादा मतदान माना जा रहा है। यह किस तरफ झुकेगा, यह तो नतीजों से ही पता लगेगा, लेकिन सत्ता विरोधी माहौल से जूझ रही भाजपा के लिए यह दिक्कत पैदा कर सकते हैं।
कर्नाटक में पिछली बार की तरह इस बार भी भारी मतदान हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, इस बार 72.67 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो पिछले बार के 72.36 से लगभग आधा प्रतिशत ज्यादा है। पिछली बार इसका नुकसान सत्तारूढ़ कांग्रेस को हुआ था और वह 80 सीटों पर आ गई थी, जबकि भाजपा को 104 सीटें मिली थी। तब किंगमेकर के रूप में जेडीएस 37 सीटों के साथ उभरी थी।
इस बार के मतदान के आंकड़े पिछली बार जैसे ही हैं, बल्कि उनमें कुछ बढ़ोतरी ही हुई है। जमीन पर जेडीएस के कमजोर दिखने से इस बार इस मतदान से आंकड़े बदल सकते हैं। त्रिशंकु विधानसभा के बजाय स्पष्ट बहुमत वाले आंकड़े आने की भी संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस को जहां सत्ता विरोधी माहौल से लाभ मिलने की उम्मीद है, वहीं भाजपा प्रचार के दौरान उठे मुद्दों को लेकर आशान्वित है, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी व बजरंग दल का मुद्दा शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेता इन हालातों में बयानबाजी से ज्यादा विभिन्न बूथों से भी जानकारी जुटा रहे हैं। भाजपा नेता अपने साथ जेडीएस पर भी नजर रखे हैं कि उसका प्रदर्शन कैसा रहता है। जेडीएस का गढ़ पुराना मैसूर क्षेत्र है, जिसमें कांग्रेस के बड़ी सेंध लगाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। भाजपा ने भी इस बार इस क्षेत्र में जोर लगाया है। इसी तरह से बेंगलुरु पर भी नजर है। यहां की 28 सीटों में भाजपा को पिछली बार मात्र 11 सीटें मिली थी।