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अगले साल यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) के नेतृत्व में भारत राष्ट्र समिति (BRS) महाराष्ट्र में विस्तार करने की तैयारी कर रही है। राज्य में केसीआर किसानों की बेहतरी के लिए तेलंगाना मॉडल को आगे बढ़ा रहे हैं। पार्टी के चुनावी वादों के मुताबिक, सत्ता में आने पर हर घर को पांच साल के भीतर नल से पानी की आपूर्ति होगी। गुरुवार को, केसीआर ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृहनगर नागपुर में अपने पार्टी कार्यालय का उद्घाटन भी किया।
केसीआर ने पहले ही पार्टी की महत्वाकांक्षाओं को स्पष्ट कर दिया है। जल्द ही मुंबई, पुणे और औरंगाबाद में भी पार्टी कार्यालय खोलने की उम्मीद है। जहां महाराष्ट्र के भंडारा से कई लोग केसीआर की पार्टी में शामिल हुए, वहीं नांदेड़ जिले में खुद मुख्यमंत्री की रैली में भी भारी भीड़ उमड़ी। इस बीच बीआरएस के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि केसीआर का राज्य में भाजपा-शिवसेना गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीआरएस को बीजेपी की ‘बी टीम’ करार दिया। वर्तमान में उत्तरी महाराष्ट्र के दौरे पर पहुंचे, शरद पवार ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केसीआर केवल कांग्रेस और राकांपा को निशाना बना रहे हैं। पवार ने कहा, “इससे हमें लगता है कि क्या यह भाजपा की ‘बी’ टीम है।” जानकारों की माने तो केसीआर न सिर्फ अपनी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि महाराष्ट्र में भी अपना आधार तलाश रहे हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के महाराष्ट्र में पैठ बनाने की बात करने पर पवार ने कहा कि कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को 2019 के चुनावों में प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) की मौजूदगी के कारण हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘‘भले ही सभी दलों को किसी भी राज्य में अपना जनाधार बढ़ाने का अधिकार है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या बीआरएस (भाजपा की) एक बी टीम है।’’ राव ने बृहस्पतिवार को नागपुर में पार्टी का एक कार्यालय खोला था और कहा था कि बीआरएस महाराष्ट्र में अपने आधार का विस्तार करेगी ताकि आगामी चुनाव अपने दम पर लड़ सके।
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