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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब से बिहार में आरजेडी के साथ मिलकर नई सरकार बनाई है, वह लगातार 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को केंद्र से बेदखल करने का दंभ भर रहे हैं। इसके लिए वह विपक्षी एकता की वकालत भी करते हैं। हालांकि, उन्हें विपक्ष के ही नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बड़ा झटका दिया है। उनके द्वारा बुलाई गई भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के अलावा डी राजा और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन जैसे वाम दलों के नेता भी शामिल हुए, लेकिन इस मंच पर नीतीश कुमार नहीं दिखे।
नीतीश कुमार से जब समाधान यात्रा के दौरान केसीआर द्वारा इस रैली में आमंत्रित नहीं करने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने व्यंग्यात्मक मुस्कान के साथ टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांक, राजनीतिक विश्लेषकों ने इस घटना को बिहार के मुख्यमंत्री के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा है। आपको बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी उन्हें पीएम मैटेरियल मानती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा विपक्ष के लोग एकजुट हों। यह देश हित में है। मेरी कोई व्यक्तिगत ख्वाहिश नहीं है। केसीआर के द्वारा विभिन्न दोलों को अपनी रैली में आमंत्रित किए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी की रैली में जिन्हें बुलाए होंगे, वह गए होंगे। मुझे पता नहीं है। मैं अभी समाधान यात्रा कार्यक्रम में लगा हूं। अभी तो चाह कर भी मैं कहीं नहीं जा पाता।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने कहा, “केसीआर हमेशा गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस मोर्चे के बारे में बात करते हैं, लेकिन हम गैर-भाजपा दलों के बीच राजनीतिक दूरी के खिलाफ हैं। हम सभी गैर-भाजपा सरकार चाहते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस, ममता बनर्जी की टीएमसी, नवीन पटनायक की बीजेडी, टीडीपी, देवेगौड़ा सहित राजनीतिक दल एक साथ आएंगे। राजनीतिक दलों के बीच आधी एकता से भाजपा को नहीं हराया जा सकता है।
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या केसीआर की रैली नीतीश कुमार को नहीं बुलाना उनके लिए एक झटका है तो केसी त्यागी ने कहा, “इस समय निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह पार्टियों के बीच एकता बनाने का प्रारंभिक चरण है। नीतीश कुमार समाधान यात्रा का समापन करने के बाद फिर दिल्ली आएंगे और हर दलों के नेताओं के साथ बात करेंगे।”
विपक्षी एकता का प्रदर्शन करते हुए कई क्षेत्रीय क्षत्रप नेताओं ने केसीआर द्वारा बुलाई गई रैली में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने हिंदी में एक नारा दिया – “एक, दो, तीन, चार, देश का नेता केसीआर”।
दिलचस्प बात यह है कि केसीआर कुछ महीने पहले बिहार की राजधानी पटना में नीतीश कुमार के साथ एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था। इसके बाद नीतीश कुमार ने दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से दिल्ली में मिले थी। उन्होंने दीपांकर भट्टाचार्य, इनेलो अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला के साथ भी मुलाकात की थी। उनका मकसद 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एक विपक्ष को एकजुट करना था।
नीतीश कुमार ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ सितंबर में दिल्ली में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। 2024 के चुनाव से पहले एक गैर-भाजपा मोर्चा बनाने की दिशा में चर्चा की थी।
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