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‘मेरे एक अंकल मुझे कोलकाता लेकर गए थे. वहां मैंने जिला स्तर पर खेला और फिर सेकंड डिविजन और वहां से आईपीएल में मुझे मौका मिला है. करीब घंटे भर तक साइकिल चलाकर स्टेशन जाने, वहां से ट्रेन से कोलकाता जाने और फिर वहां दिनभर प्रैक्टिस के बाद ऐसे ही लौटने का सफर बहुत तनतोड़ रहा, पर मुझे यही करना था, यही करना है क्योंकि यही क्रिकेट है, जिस मैं सबसे ज्यादा चाहता हूं.’