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हाइलाइट्स
नई-नवेली दुल्हन और जन्मे बच्चे की पहली लोहड़ी बहुत खास मानी जाती है.
लोहड़ी की रात लोग घरों के बाहर, पार्क या ग्राउंड में लोहड़ी जलाते हैं.
लोहड़ी 2023 लोकगीत (Lohri 2023 Lokgeet): हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है. आपको बता दें कि इस साल पंजाब और हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में 13 जनवरी को लोहड़ी धूमधाम से मनाई जाएगी. इस त्योहार से जुड़ी मान्यता के अनुसार जिस घर में नई-नई शादी हुई होती है यानी जहां नया शादीशुदा जोड़ा होता है या जिस घर में बच्चे का जन्म हुआ होता है, वहां लोग लोहड़ी को बेहद खास अंदाज में मनाते हैं.
नई-नवेली दुल्हन और जन्मे बच्चे की पहली लोहड़ी बहुत खास मानी जाती है. इसके साथ ही इस पर्व पर लोग फसल की अच्छी पैदावार के लिए ऊपर वाले को और प्रकृति को धन्यवाद कहते हैं. साथ ही आने वाले समय में भी अच्छी फसल की कामना करते हैं. जानकारी के मुताबिक लोहड़ी की रात लोग घरों के बाहर, पार्क या ग्राउंड में लोहड़ी जलाते हैं. इस पवित्र लोहड़ी की आग में मक्के और तिल को अर्पित भी किया जाता है. इसके साथ ही लड़के-लड़कियां, महिलाएं और पुरुष ट्रेडिशनल कपड़ों में लोकगीत गाते हैं और लोहड़ी का जश्न मनाते हैं. आप अगर इस बार लोहड़ी पर कुछ खास करना चाहते हैं तो गीत का सकते हैं. आप प्रसिद्ध लोकगीत गा कर सभी को खुश का सकते हैं. अगर आपको लोकप्रिय गीत के बोल नहीं पता तो यहां से पड़ कर गीत के बोल याद कर सकते हैं. पढ़िए, लोहड़ी पर गाए जाने वाले मशहूर लोकगीत के बोल
लोहड़ी का लोक गीत
सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन विचारा हो,
दुल्ला भट्ठी वाला हो, दुल्ले दी धी व्याही हो,
सेर शक्कर पाई हो, कुड़ी दे जेबे पाई हो,
कुड़ी दा लाल पटाका हो, कुड़ी दा सालू पाटा हो,
सालू कौन समेटे हो, चाचे चूरी कुट्टी हो,
जमीदारां लुट्टी हो, जमीदारां सदाए हो,
गिन-गिन पोले लाए हो, इक पोला घट गया,
ज़मींदार वोहटी ले के नस गया, इक पोला होर आया,
ज़मींदार वोहटी ले के दौड़ आया,
सिपाही फेर के लै गया, सिपाही नूं मारी इट्ट, भावें रो ते भावें पिट्ट,
साहनूं दे लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी.
आप इस मशहूर लोकगीत को शाम को लोहड़ी सेलिब्रेशन के दौरान सुना सकते हैं. हैप्पी लोहड़ी 2023.
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Tags: Dharma Aastha, Lifestyle, Lohri, Religion
FIRST PUBLISHED : January 13, 2023, 11:35 IST
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