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हाइलाइट्स
मणिपुर सरकार ने राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध को 15 जून तक बढ़ा दिया है
शांति स्थापना के लिए 51 सदस्यीय शांति समिति का गठन किया जा चुका है
हिंसा में आधार कार्ड गंवाने वालों के लिए राज्य सरकार लगाएगी कैंप
इंफाल: नॉर्थ ईस्ट के मणिपुर राज्य में भड़की हिंसा अभी पूरी तरह से थमी नहीं है. करीब एक माह से ज्यादा वक्त से मणिपुर पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है और हिंसा की आग में जल रहा है. राज्य में शांति स्थापित करने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. जिसके लिए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद गवर्नर की अध्यक्षता में 51 सदस्यीय शांति पैनल गठित किया गया है. अब इसके बाद राज्य को अमन की राह पर ले जाने का काम किया जा रहा है. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को हिंसाग्रस्त क्षेत्रों के प्रभावित लोगों को समर्थन दिया और छात्रों के लिए शैक्षणिक व्यवस्था का प्रबंध करने का भी आश्वासन दिया.
सीएम बीरेन सिंह ने लोगों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं. उन्होंने विस्थापितों के लिए घर मुहैया कराने और छात्रों के लिए शिक्षा की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया, क्योंकि हिंसा के बाद से सैकड़ों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं.
आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक मणिपुर में भड़की हिंसा से प्रभावित करीब 47,000 लोगों को अब तक सुरक्षित निकाला गया है. वहीं, सैकड़ों लोगों के घर हिंसा में तबाह हो गए थे. बीरेन सिंह ने लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी और घरों का निर्माण शुरू करेगी.
उन्होंने कहा कि हम उन लोगों के लिए करीब 4000 घर बनाने की योजना बना रहे हैं जो हिंसा के कारण विस्थापित हुए हैं. अभी ब्लूप्रिंट को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है, लेकिन हम ऐसे लोगों के लिए दो कमरों के घर का सेट बनाने पर विचार कर रहे हैं. बीरेन सिंह ने कहा कि हम स्थिति का जायजा लेने के बाद शिक्षा व्यवस्था पर भी काम करेंगे, खासकर उन बच्चों के लिए जिनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा से प्रभावित बच्चे शिक्षा में पिछड़ न जाए, इसके लिए हरसंभव मदद की जाएगी.
सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “जो चुराचांदपुर से विस्थापित हुए हैं और इंफाल के शिविरों में हैं. उन्हें यहां इंफाल के स्कूल और कॉलेजों में भेजने की व्यवस्था की जा रही है. लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए थे और वर्तमान में शिविरों में अस्थायी आश्रयों में हैं. इनमें से कई लोग अपने दस्तावेज, खासकर आधार कार्ड भी नहीं रख पाए हैं. चूंकि अधिकांश केंद्रीय और राज्य लाभार्थी योजनाएं आधार से जुड़ी हुई हैं. इसलिए राज्य सरकार ने सोमवार को आधार कार्ड को फिर से जारी करने के लिए प्रावधान करने का आह्वान किया.
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सरकार लोगों को उनके आधार कार्ड फिर से जारी करने में मदद करना चाहती है जिन्होंने इसे खो दिया है या हिंसा में खो गए हैं. आधार प्राप्त करने की व्यवस्था सरकार द्वारा आश्रय शिविरों में ही की जाएगी. हाल की स्थिति का जायजा लेते हुए, मणिपुर सरकार ने राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध को 15 जून तक बढ़ा दिया है.
बताते चलें कि गत 29 मई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 4 दिनों का उत्तर-पूर्वी राज्य का दौरा किया था. इस दौरान गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, नागरिक समाज, महिला समूहों, आदिवासी समूहों और सुरक्षा कर्मियों के साथ बैठकें कीं थीं. शाह ने घोषणा की थी कि राज्य में एक शांति समिति का गठन किया जाएगा. समिति का गठन गृह मंत्री द्वारा घोषणा के कुछ दिनों बाद किया गया था. अब इस राज्य की गवर्नर की अध्यक्षता में 51 सदस्यीय शांति समिति का गठन कर दिया गया है.
गौरतलब है कि गत 3 मई को मणिपुर में हिंसा फैल गई, क्योंकि अनुसूचित जनजाति में मेइती समुदाय को शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़पें हुई थीं. मणिपुर हाईकोर्ट के एक निर्देश के मद्देनजर राज्य में जातीय हिंसा एक महीने से अधिक समय से जारी है, जिसमें राज्य सरकार को अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की सूची में मेइती समुदाय को शामिल करने पर विचार करने के लिए कहा गया है. हिंसा को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को राज्य में तैनात किया गया था और वे अभी भी राज्य भर में तैनात हैं.
इस बीच, कुकी और नागा दोनों समुदाय के प्रतिनिधि, जिनमें दोनों पक्षों के विधान सभा के सदस्य शामिल हैं, दिल्ली आए हैं. इन्होंने गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात की और अपने प्रतिवेदन भी सौंपे हैं और कई मांगें भी रखी हैं.
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Tags: Manipur, Manipur cm, Manipur News, Manipur violence, Manipur violence update
FIRST PUBLISHED : June 13, 2023, 09:21 IST
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