Wednesday, November 6, 2024
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MBBS : एनएमसी ने एमबीबीएस पासिंग मार्क्स 40 प्रतिशत करने का फैसला पलटा, जानें क्या कहा


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नेशनल मेडिकल कमिशन ( एनएमसी ) ने दो पेपरों वाले एमबीबीएस विषयों में पासिंग मार्क्स को घटाकर 40 प्रतिशत करने के फैसले को वापस ले लिया है। आयोग ने कहा है कि करिकुलम बेस्ड मेडिकल एजुकेशन (सीबीएमई) गाइडलाइंस में संशोधन संभव नहीं है। एनएमसी ने सीबीएमई गाइडलाइंस में संशोधन की अधिसूचना सितंबर माह में जारी की थी। संशोधन के मुताबिक एमबीबीएस में दो पेपरों वाले विषयों में पासिंग मार्क्स 50 प्रतिशत से घटाकर 40 फीसदी कर दिया गया था। संशोधन में कहा गया, “दो पेपरों वाले विषयों में पास होने के लिए विद्यार्थी को कुल मिलाकर (दोनों पेपर एक साथ) न्यूनतम 40 फीसदी अंक प्राप्त करने होंगे।”

इसी सप्ताह जारी नए नोटिस में आयोग ने नए संशोधन का जिक्र करते हुए कहा ”इस विषय पर गहन विचार के बाद यह निर्णय लिया गया है कि इस संबंध में पूर्वव्यापी प्रभाव संभव नहीं है।” 

एनएमसी ने सीबीएमई गाइडलाइंस 2023 को 1 अगस्त को अधिसूचित किया था। गाइडलाइंस में एमबीबीएस करिकुलम, एडमिशन प्रक्रिया व एकेडमिक कैलेंडर के नए नियमों का जिक्र किया गया था।

पहले एमबीबीएस में किसी एक विषय में पास होने के लिए स्टूडेंट को यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित परीक्षा में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में अलग-अलग 50 फीसदी मार्क्स लाने होते थे। लेकिन संशोधन के बाद एमबीबीएस स्टूडेंट्स को 50 प्रतिशत एग्रीगेट मार्क्स हासिल करने होते हैं। प्रैक्टिकल व थ्योरी का अनुपात यूनिवर्सिटी एग्जाम में 60:40 या 40:60 होना चाहिए। 

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एमबीबीएस की पढ़ाई में अगले साल से बहुत सारे परिवर्तन

 2024-29 बैच से एमएमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले एमबीबीएस छात्रों को पढ़ाई में परिवर्तनों का सामना करना पड़ेगा। एनएमसी (नेशनल मेडिकल काउंसिल) ने एमबीबीएस की पढ़ाई को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अब एमबीबीएस में 24 के बजाय 21 विषयों की पढ़ाई होगी। इस के तहत टीबी एंड चेस्ट, पीएमआर व इमरजेंसी मेडिसिन विषय को समाप्त कर दिया गया है। 

नए नियम के अनुसार  2024-25 शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाले नए मेडिकल कॉलेजों में 150 से अधिक एमबीबीएस सीटें नहीं हो सकेंगी।

अधिकतम 10 वर्षों में एमबीबीएस करना होगा पास 

अबतक एमबीबीएस प्रथम वर्ष को उत्तीर्ण करने की कोई समय सीमा नहीं थी तो नए एनएमसी की गाइडलाइन में इसकी समय सीमा तय कर दी गयी है। नई गाइडलाइन के मुताबिक, एमबीबीएस प्रथम वर्ष को अधिकतम 4 साल में उत्तीर्ण कर लेना होगा, जबकि इससे पहले इसे उत्तीर्ण करने के लिए कोई साल का निर्धारण नहीं था। एमबीबीएस के छात्र को एमबीबीएस की पढ़ाई को अधिकतम 10 साल में उत्तीर्ण यानी पास कर लेना होगा। अन्यथा एनएमसी उसके डॉक्टर बनने के सपने को ख्वाब ही बने रहने देगा।



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