केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को कहा कि पिछले आठ साल में देश में एमबीबीएस सीट की संख्या 87 प्रतिशत बढ़ी है, वहीं मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज (पीजी) में सीटों की संख्या 105 प्रतिशत बढ़ी है। मांडविया ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि 2014 से देश में युवा पीढ़ी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिहाज से अनेक कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा, ”देश में मेडिकल कॉलेज की संख्या आज लगभग दोगुनी हो चुकी है। 2014 में जहां 387 मेडिकल कॉलेज थे। आज देश में 648 मेडिकल कॉलेज हैं।”
मांडविया ने कहा कि 2014 से अकेले सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 96 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज की संख्या में 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस समय देश के 648 मेडिकल कॉलेजों में 355 सरकारी क्षेत्र के और 293 निजी हैं।
मांडविया ने कहा, ”एमबीबीएस सीट 2014 में 51,348 थीं जो 87 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि के साथ 2022 में 96,077 हो गयीं। इसी तरह चिकित्सा पाठ्यक्रम की पीजी सीट 2014 में 31,185 थीं जो 105 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2022 में 63,842 हो गयीं।”
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एमबीबीएस की 3877 और पीजी की 4,058 सीटें बढ़ेंगी
उन्होंने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 10,000 सीट सृजित करने की सोच के साथ 16 राज्यों में 58 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गयी है और इनके साथ एमबीबीएस की सीटों की संख्या 3,877 बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसी तरह पीजी सीट में वृद्धि के लिए पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 72 मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दी गयी है और 4,058 पीजी सीट की बढ़ोतरी होगी।
उन्होंन ट्वीट किया, ”देश को अच्छे डॉक्टर मिल रहे हैं। सभी लोगों को शिक्षा के लिए अवसर मिले उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने प्रयास किया है, उसकी सराहना देश में हो रही है।”
उन्होंने कहा कि देश के ढाई लाख स्कूलों में 4.5 लाख से अधिक शौचलाय बनाए गए। जिससे बेटियों में शिक्षा बीच में छोड़ने का अनुपात 17 प्रतिशत से कम होकर 13 प्रतिशत हो गया है।