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MBBS admission: एसएनएमएमसीएच में फर्जी अलॉटमेंट लेटर पर एमबीबीएस में नामांकन लेने का मामला सामने आया है। देवघर की जसीडीह निवासी छात्रा रिया उपाध्याय ने फर्जीवाड़ा किया है। इसका खुलासा ऑनलाइन इंट्री में हुआ। इसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने तत्काल कार्रवाई कर छात्रा का नामांकन रद्द कर दिया। साथ ही छात्रा के खिलाफ सरायढेला थाने में बुधवार को लिखित आवेदन दिया गया, लेकिन पुलिस ने आवेदन नहीं लिया। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के अनुसार छात्रा ने स्टेट कोटे से एमबीबीएस में अपना नामांकन कराया। वह सोमवार को एसएनएमएमसीएच आई। यहां उसके सारे कागजात जमा लिए गए। इसके बाद नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। छात्रा के नामांकन की फाइल भी बन गई।
नामांकन के बाद झारखंड कंबाइंड इंट्रेंस कंपीटिटिव एग्जामिनेशन बोर्ड (जेसीईसीईबी) साइट पर नामांकन लेने वाले छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन इंट्री की जाती है, जिसमें छात्रा की इंट्री नहीं हो पाई। इंट्री में एरर बताने लगा। इसके बाद अधिकारियों ने छात्रा के कागजात की जांच की। जांच में पता चला कि उसने फर्जी अलॉटमेंट लेटर पर नामांकन कराया है। पूरे मामले का खुलासा होने के बाद अधिकारियों ने जेसीईसीईबी से पुष्टि कराई। मामला सही पाया गया। इसके बाद तत्काल छात्रा का नामांकन रद्द कर दिया गया। साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने छात्रा के खिलाफ सरायढेला थाने में फर्जी कागजात पर नामांकन लेने का आवेदन दिया, लेकिन पुलिस ने आवेदन नहीं लिया।
काउंसिलिंग में नहीं हुई थी शामिल पूरे मामले का खुलासा होने के बाद मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने छात्रा के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। बातचीत में छात्रा ने ऑनलाइन काउंसिलिंग में शामिल नहीं होने की बात कही। एलॉटमेंट लेटर के संबंध में उसने कुछ नहीं बताया और फोन काट दिया।
कॉलेज स्तर पर भी लापरवाही पूरे मामले में कॉलेज स्तर पर भी लापरवाही हुई है। कॉलेज को जेसीईसीईबी से अलॉटमेंट लेटर उपलब्ध कराया जाता है। नामांकन के समय छात्रा के अलॉटमेंट लेटर का जेसीईसीईबी द्वारा कॉलेज को उपलब्ध कराए गए अलॉटमेंट लेटर से गंभीरतापूर्वक मिलान नहीं कराया गया। इस कारण प्रारंभिक स्तर पर मामले का पता नहीं चला और छात्रा का नामांकन हो गया।