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NEET UG Counselling, MBBS Admission: नीट यूजी काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होने वाली है। शेड्यूल का इंतजार है। हर बार की तरह एम्स समेत देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों की एमबीबीएस ( MBBS ) सीटों पर नीट टॉपरों का ही कब्जा रहने वाला है। देश का बेस्ट मेडिकल कॉलेज एम्स दिल्ली टॉपरों ( NEET Topper ) की पहली पसंद बनेगा। भारत सरकार की एनआईआरएफ रैंकिंग में भी एम्स दिल्ली पिछले कई वर्षों से देश का सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज बना हुआ है। कई सालों से चले आ रहे इस ट्रेंड के बीच पिछले साल नीट टॉपर ने अपने फैसले से सबको चौंका दिया था। पिछले साल नीट (2022) के टॉप स्कोरर चार स्टूडेंट्स में से एक रुचा पवाशे ने एम्स नई दिल्ली को छोड़कर बेलागवी (कर्नाटक) के स्थानीय मेडिकल कॉलेज को चुना था।
नीट 2022 में चार छात्रों ने 720 में से 715 अंक हासिल किए थे। रुचा पवाशे इनमें से एक थीं। पिछले साल के टाइ ब्रेकिंग फॉर्मूले के चलते रुचा को चौथी रैंक दी गई थी।
रुचा को छोड़कर नीट के टॉप 10 स्टूडेंट्स सभी ने एम्स को चुना था। रुचा ने बेलगाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (बीआईएमएस), बेलगवी, कर्नाटक में एडमिशन लिया था। वजह पूछने पर उन्होंने बताया था कि वह बेलगावी के एक छोटे से गांव से आती हैं और नई दिल्ली उन्हें बहुत दूर पड़ेगा। उनका कहना था कि वह अपने परिवार से कभी इतना दूर नहीं रहीं। ऐसे में अपने क्षेत्र में या आसपास अच्छा मेडिकल कॉलेज सर्च किया। इसके लिए काफी रिसर्च की। रुचा ने 5 मेडिकल कॉलेज को शॉर्टलिस्ट किया था। फिर अंत में एक कॉलेज चुना जो उनके घर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है। उन्हें रिसर्च की और वहां की फैकल्टी उन्हें अच्छी लगी। फिर उन्होंने एम्स नई दिल्ली में एडमिशन न लेना का फैसला किया।
रुचा का कहना था कि उसका समाज व समुदाय भी उनके लिए काफी मायने रखता है। रुचा के परिवार में सभी लोग डॉक्टर हैं। दादाजी, माता-पिता और भाई डॉक्टर हैं। उन्होंने वहीं रहकर अपने समुदाय की सेवा करना चाहा। नीट में अच्छी रैंक हासिल उनका मकसद था। लेकिन रिजल्ट के बाद से इलाके के लोग अपने बच्चों की मदद और मार्गदर्शन को लेकर उनके पास आने लगे थे। एम्स दिल्ली छोड़ नजदीकी मेडिकल चुनकर उन्होंने अपने क्षेत्र व समुदाय के लोगों की सेवा करने और बच्चों की पढ़ाई में मदद करने का फैसला किया।