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बिहार सरकार ने सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले स्थायी 50 चिकित्सकों को पीजी स्पांसर्ड डीएनबी कोर्स पूरा करने की स्वीकृति दी है। राज्य कैबिनेट से लिए गए निर्णय के आलोक में स्वास्थ्य विभाग ने यह आदेश जारी कर दिया। पढ़ाई के दौरान राज्य सरकार इन सभी चिकित्सकों को पूरा वेतनमान देगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव शैलेश कुमार ने शुक्रवार को सभी संबंधित क्षेत्रीय पदाधिकारियों और सिविल सर्जनों के साथ अन्य पदाधिकारियों को डीएनबी करनेवाले चिकित्सकों के दस्तावेजों की जांच कर विरमित करने का आदेश दिया है। यह कोर्स पोस्ट एमबीबीएस या पोस्ट डिप्लोमा के बाद पोस्टग्रेजुएट डिग्री के समकक्ष होता है।
डीएनबी सीट पर नामांकन लेने वाले डॉक्टरों से यह बांड लिया जाएगा कि नामांकन के बाद पाठ्यक्रम छोडने पर उन्हें 15 लाख और इस अवधि में प्राप्त होनेवाले पूर्ण वेतन की राशि एकमुश्त वापस करनी होगी। डिग्री प्राप्त करने पर पांच वर्षों की अनिवार्य सेवा राज्य सरकार के अधीन देने की बाध्यता होगी। इस अवधि में उनका त्यागपत्र स्वीकृत नहीं किया जायेगा।
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डीएनबी सीट पर अध्ययन के बाद यदि चिकित्सक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित होते हैं तो उनसे अध्ययन अवधि में प्राप्त पूर्ण वेतन सूद सहित और 15 लाख का आर्थिक दंड की वसूली की जायेगी।