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मन की उलझनें अगर किसी से साझा न की जाएं तो ये बोझ बन जाती हैं। धीरे-धीरे ये आपको और परिवार के लोगों को भी अपनी गिरफ्त में ले लेती हैं। ऐसे में यहां मनोवैज्ञानिक की बताई कुछ सलाह देख सकते हैं।
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