ऐप पर पढ़ें
Monsoon Updates: कहीं गर्मी तो कहीं बारिश के बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD ने मानसून को लेकर बड़ा अपडेट दे दिया है। विभाग का कहना है कि 2023 में दक्षिण पश्चिम मानसून में थोड़ी देरी हो सकती है। हालांकि, विभाग ने केरल में मानसून की एंट्री की संभावित तारीख 4 जून बताई है। IMD ने मंगलवार को जानकारी दी है कि पूर्वोत्तर में भारी बारिश की संभावनाएं हैं। दिल्ली और मध्य प्रदेश समेत कई राज्य धूल के गुबार से जूझने के लिए तैयार हैं। जबकि, देश को लू से बड़ी राहत मिलती दिख रही है।
देश में कैसा रहेगा मौसम
IMD के अनुसार, 17 मई को मध्य प्रदेश और विदर्भ में तेज हवाएं चल सकती हैं। वहीं, राजधानी दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और राजस्थान की जनता को 18 मई तक तेज हवाओं और धूल का सामना करना पड़ सकता है। अरुणाचल प्रदेश में 19 मई और 20 मई, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में 20 मई तक भारी बारिश के आसार हैं।
देश में कहीं नहीं है हीटवेव
स्कायमेट वेदर के अनुसार, देश के किसी भी क्षेत्र में हीट वेव की स्थिति बनती नहीं दिख रही है। दरअसल, अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस होने पर हीटवेव का ऐलान कर दिया जाता है। हाल के समय में दतिया में सबसे ज्यादा 44.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, देश के पश्चिमी हिस्सों और मध्य प्रदेश में हीट वेव के आसार कम हो रहे हैं। इसकी बड़ी वजह धूल और आंधी की गतिविधियों को माना जा रहा है।
क्या मानसून में थोड़ी देर से पड़ेगा असर?
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस मामूली देरी से देश में कृषि क्षेत्र और कुल वर्षा पर असर पड़ने की संभावना नहीं है। दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रूप से 1 जून को केरल में प्रवेश करता है। इसमें आमतौर पर लगभग सात दिन की देरी या जल्दी शामिल होती है। मौसम विभाग कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘इस साल केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन में थोड़ी देरी होने की संभावना है। केरल में मानसून के चार जून को पहुंचने की संभावना है।’
क्या मोचा है वजह?
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान के पूर्व सचिव एम राजीवन ने कहा कि ऐसी संभावना नहीं है कि मानसून में देरी का कारण चक्रवात मोचा है। उन्होंने कहा ‘यदि चक्रवात 20 मई-25 मई के आसपास आया होता, तो यह वास्तव में मानसून को प्रभावित करता। चक्रवात अब खत्म हो चुका है।’
वहीं, IMD प्रमुख एम महापात्रा ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘मानूसन के पहुंचने की तारीख और मौसम के दौरान देश में कुल बारिश के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। साथ ही, केरल में मानसून के जल्दी या देर से पहुंचने का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों में उसी अनुसार पहुंचेगा…।’