तेजी से लगाया जा रहा मार्शल लॉ
जनरल हलिंग ने जो भाषण दिया है, उसे असाधारण माना जा रहा है। राजधानी नैप्यीडॉ में आयोजित सालाना सैन्य सेवा परेड के दौरान उन्होंने यह भाषण दिया है जिसे असाधारण करार दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसके जरिए उन्होंने संदेश दिया है कि म्यांमार की सेनाएं उन लोगों के खिलाफ लड़ना बंद नहीं करेंगी जो उनके शासन के खिलाफ हैं। चाहे इसके लिए जो भी कीमत चुकानी पड़े।
66 साल के जनरल हालिंग ने इस बात की तरफ भी ध्यान दिलाया है कि अहम जगहों पर लोगों के हितों को रौंदने वाले आतंकवादियों से लड़ने के लिए मार्शल लॉ तेजी से लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कहा कि देश में चुनाव होंगे और विजेता के हाथ में सत्ता सौंप दी जाएगी। हालांकि देश में जारी संघर्ष को देखते हुए यह बात स्पष्ट नहीं है कि चुनाव कब होंगे।
मौजूद थे चीन और रूस के अधिकारी
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान म्यांमार की राष्ट्रीय सेना की स्थापना की गई थी। इसके 78 साल पूरे होने के मौके पर परेड आयोजित की गई। सेना की स्थापना जापान के हमले से देश को बचाना था। हाल के कुछ वर्षों में इस परेड की अहमियत बढ़ती जा रही है। विद्रोहियों के खिलाफ अपना प्रभाव मजबूत करने के लिए अलग-थलग पड़ा म्यांमार सेना का प्रदर्शन आक्रामकता के साथ जारी रखे है। परेड में रूस और चीन के अधिकारी भी शामिल थे। इससे साफ है कि दोनों देशों की तरफ से म्यांमार को समर्थन जारी है।
रूस और चीन के हथियार
हाल ही में बीजिंग से खरीदे गए चीनी K8 ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट और FTC2000 जेट के साथ-साथ रूसी MI35 गनशिप भी परेड का हिस्सा थी। इनमें से कई हथियारों का इस्तेमाल विद्रोह के गढ़ों में तख्तापलट के बाद से किया गया है। इन हथियारों के प्रयोग में कई नागरिक और मासूम बच्चे भी निशाना बने हैं। जनरल हालिंग को तख्तापलट का लीडर करार दिया जाता है। उन्हें परेड में सलामी देने के लिए कई लोग मौजूद थे।
परेड में मौजूद थे कई आरोपी
इस परेड में ऐसे कई आरोपी थे जिन पर नागरिकों के नरसंहार जैसे अत्याचारों के कई आरोप लगे हैं। इन्हें अंतरराष्ट्रीय आलोचना के अलावा कई तरह के प्रतिबंधों का सामना भी करना पड़ा है। पिछले हफ्ते ही अमेरिका ने म्यांमार के खिलाफ और प्रतिबंधों की घोषणा की। इन प्रतिबंधों के तहत आबादी वाले क्षेत्रों में हवाई हमलों के बाद सेना को जेट फ्यूल की बिक्री को बैन कर दिया गया है।