रिपोर्ट- मो. महमूद आलम
नालंदा. नालंदा में रोजाना 3000 से अधिक रोगी विभिन्न अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इनमें 70% रोगी वायरल फीवर वाले हैं. जिनके सिम्टम्स सर्दी, खांसी, बुखार के साथ बदन व जोड़ में दर्द वाले हैं. इससे खासकर बच्चे और बूढ़े अधिक प्रभावित हो रहे हैं. हालांकि इसमें 10 से 20 मरीज टाइफाइड और पीलिया के रोगी भी इसमें मिल रहे हैं.
तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण लोग इन बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इस बीमारी से बचने के लिए अस्पतालों में 139 तरह की दवाइयां उपलब्ध है. लेकिन छोटे बच्चों के लिए सिरप नहीं मिलने से मुश्किलें आ रही है.
अब ठीक होने में 10 दिन का समय लग रहा है
वहीं, इस संबंध में नालंदा के सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. पहले इसका इलाज कराने की जरूरत नहीं है. वह खुद से 2 से 4 दिन में ठीक हो जाता था, लेकिन अब ठीक होने में 10 दिन का समय लग रहा है. लोगों को अभी के समय में रात को पंखा चलाने की ज़रूरत नहीं है. क्योंकि मौसम में सुबह शाम बदलाव रहता है. इसलिए वह ठीक हो जाएगा.
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आज सदर अस्पताल बिहार शरीफ में एक दिन में 358 रोगियों का इलाज हुआ है. कोई विशेष दवा खाने की जरूरत नहीं है. इससे बचने के लिए अभी ज्यादा हल्का कपड़ा न पहने, रात को सोते समय पंखा या कूलर न चलाएं, आइसक्रीम या फिर कोई और ठंडा चीज़ न खाएं, गाड़ी चलाते वक्त एसी का इस्तेमाल न करें, ज्यादा तेलीय या फास्ट फूड न खाएं, इससे बचने के लिए गुनगुना पानी का इस्तेमाल करें.
यहां मिले इतने मरीज
आपको बता दें कि सदर अस्पताल के अलावा बिंद में 75 में से 45 में वायरल फीवर का लक्षण पाया गया. हिलसा रेफरल अस्पताल में 300 मरीज आए जिनमें छोटे बच्चे और बूढ़े में वायरल फीवर का लक्षण मिला. राजगीर में 250 मरीज़ एक दिन में इलाज के लिए पहुंचे हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 04, 2023, 12:08 IST