जेन्स ने कहा, ‘अभी बहुत दिन नहीं हुए हैं जब रूस के साथ गैस खरीदने को शुद्ध रूप से कामर्शियल मैटर समझा जाता था। वास्तविकता है कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है। यह हमारी सुरक्षा से जुड़ा मामला है। बिजनस भी राजनीति है। हमें इस अन्य सर्वसत्तावादी शासकों के साथ इस गलती को नहीं दोहराना चाहिए। कम से कम चीन तो नहीं।’ नाटो प्रमुख ने कहा, ‘हमें यह नहीं मानना चाहिए कि प्रत्येक लाभ का प्रॉजेक्ट केवल फायदे के लिए ही अंजाम दिया जाना चाहिए।’
‘रूस को कम आंकना बहुत ही खतरनाक’
नाटो महासचिव ने कहा कि कम अवधि के आर्थिक हितों को मूलभूत राष्ट्रीय हितों से बढ़कर नहीं होना चाहिए।’ उन्होंने चीन और रूस के बीच बढ़ते गठजोड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी सेनाएं एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं। चीन और रूस के बीच आर्थिक सहयोग भी बढ़ रहा है। नार्वे के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके जेन्स ने यह भी चेतावनी दी कि रूस को कम आंकना बहुत ही खतरनाक होगा। उन्होंने आशंका जताई कि यूक्रेन में रूस की जीत न केवल यूक्रेनी जनता के लिए विनाशकारी होगी, पुतिन की जीत हमारे लिए भी खतरनाक होगी।
उन्होंने कहा, ‘इससे सर्वाधिकारवादी नेताओं को यह संदेश जाएगा कि यदि वे सैन्य ताकत का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें वह मिल जाएगा जो वह चाहते हैं। यह हमें और ज्यादा खतरे में ला देगा। इससे शांति खत्म हो जाएगी अगर दमन और क्रूरता की स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र पर जीत होती है। नाटो के मुखिया ने कहा कि यूक्रेन युद्ध का खात्मा वार्ता की मेज पर ही हो सकता है। राष्ट्रपति जेलेंस्की की मोलभाव करने की ताकत यूक्रेन की सैन्य ताकत बढ़ने से और ज्यादा हो गई है।