
हाइलाइट्स
आप 22 अक्टूबर को सुबह 06:26 से कन्या पूजा कर सकते हैं.
23 अक्टूबर को सुबह 06:27 बजे के बाद कन्या पूजा कभी भी कर सकते हैं.
कन्या पूजन में आप 1 से लेकर 9 संख्या में कन्याओं की पूजा कर सकते हैं.
आज शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की पूजा होती है. इसमें कन्या पूजा करने का भी विधान है. कन्या को मां दुर्गा का प्रतीक मानकर पूजा करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में कन्या पूजा करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है. उनके आशीर्वाद से कार्य सफल होते हैं. कन्या पूजा में कितनी बालिकाओं को बैठाना चाहिए? नवरात्रि में पूजा के लिए कन्या की उम्र क्या होनी चाहिए? कितनी संख्या में कन्याओं की पूजा करने से क्या लाभ होता है? कन्या पूजा के समय एक बालक को क्यों बैठाना चाहिए? श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि नवरात्रि में कन्या पूजा कब है? कन्या पूजन के क्या फायदे हैं?
कब है कन्या पूजा 2023?
नवरात्रि के समय में आप प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक कन्या पूजा कर सकते हैं. नवरात्रि के प्रथम दिन से लेकर महानवमी तक कन्या पूजन करने का विधान है. हालांकि अधिकतर जगहों पर लोग कन्या पूजा दुर्गा अष्टमी और महानवमी को करते हैं. इस अधार पर इस शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन 22 अक्टूबर को दुर्गा अष्टमी और 23 अक्टूबर को महानवमी के दिन होगा.
कन्या पूजा 2023 मुहूर्त
दुर्गा अष्टमी और महानवमी के दिन आप सूर्योदय के बाद मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा करें. उसके बाद नवरात्रि का हवन करें. फिर कन्या पूजन करें. दुर्गा अष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:26 से शाम 06:44 बजे तक है. ऐसे में आप 22 अक्टूबर को सुबह 06:26 से कन्या पूजा कर सकते हैं. वहीं महानवमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:27 बजे से शाम 05:14 बजे तक और रवि योग पूरे दिन है. इस वजह से आप 23 अक्टूबर को सुबह 06:27 बजे के बाद कन्या पूजा कभी भी कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: नवरात्रि 6 राशिवालों के लिए है शुभ, मां दुर्गा की रहेगी कृपा, बढ़ेगा धन-दौलत, होगी तरक्की
पूजा में कितनी होनी चाहिए कन्या की संख्या?
कन्या पूजन में आप 1 से लेकर 9 संख्या में कन्याओं की पूजा कर सकते हैं. जितनी कन्या की पूजा करेंगे, वैसा ही आपको फल प्राप्त होगा.
कन्या पूजा से होने वाले 8 फायदे
1 कन्या की पूजा करने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी.
2 कन्या की पूजा से भोग प्राप्त होगा.
3 कन्या पूजा से पुरुषार्थ में वृद्धि होगी.
4 से 5 कन्या की पूजा करने से बुद्धि और विद्या बढ़ेगी.
6 कन्या की पूजा से कार्य में सफलता मिलती है.
7 कन्या की पूजा करने से परमपद की प्राप्ति होती है.
8 कन्या की पूजा करने पर अष्टलक्ष्मी की प्राप्ति होगी.
9 कन्याओं की पूजा से व्यक्ति को सभी प्रकार के ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
यह भी पढ़ें: कब है दुर्गा अष्टमी और महानवमी? मां दुर्गा के किस स्वरूप की होगी पूजा? जानें मुहूर्त और महत्व
कन्या पूजन: जितने उम्र की कन्या, वैसा ही अद्भुत फल
2 वर्ष की कन्या की पूजा करने से धन-ऐश्वर्य मिलता है.
3 वर्ष की कन्या की पूजा करने पर धन-धान्य की प्राप्ति होगी.
4 वर्ष की कन्या की पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है.
5 साल की कन्या की पूजा करने पर रोगों से मुक्ति मिलती है.
6 साल की कन्या की पूजा से विद्या, विजय और राजयोग मिलता है.
7 साल की कन्या की पूजा से ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी.
8 साल की कन्या पूजा से व्यक्ति को कोर्ट केस में सफलता मिलेगी.
9 साल की कन्या की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है.
10 साल की कन्या पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
कन्या पूजा में एक बालक क्यों है जरूरी?
कन्या पूजा में बालिकाओं के साथ एक बालक को बैठना जरूरी होता है. उस बालक को बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है. बटुक भैरव को भैरव नाथ का सौम्य स्वरूप माना जाता है. हर शक्ति पीठ के पास भैरव नाथ का मंदिर होता है. मान्यता है कि उनको शक्ति पीठ की रक्षा का दायित्व मिल हुआ है.
.
Tags: Dharma Aastha, Durga Pooja, Navratri, Navratri festival
FIRST PUBLISHED : October 18, 2023, 10:32 IST