Tuesday, December 17, 2024
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NDA और INDIA में किसे सपोर्ट करेगी BRS, तेलंगाना सीएम KCR ने साफ की अपनी स्थिति


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लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले NDA का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने INDIA नाम से गठबंधन बनाया है। देश भर में अभी भी कई ऐसे राजनीतिक दल हैं जिन्होंने इन दोनों को लेकर अभी तक अपनी स्थिति साफ नहीं की है। इस बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने गठबंधन की राजनीति को लेकर बुधवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी NDA या INDIA में से किसी का समर्थन नहीं करेगी।

केसीआर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘हम न तो किसी के साथ हैं और न ही किसी के संग रहना चाहते हैं। मगर, हम अकेले भी नहीं हैं और हमारे पास दोस्त हैं।’ उन्होंने ‘न्यू इंडिया’ को लेकर विपक्ष की आलोचना की और कहा कि वे भाजपा से पहले सत्ता में थे और किसी तरह का बदलाव नहीं ला सके। तेलंगाना के मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब 2 गैर-बीजेपी पार्टियों (बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी) ने दिल्ली सेवा विधेयक पर केंद्र को समर्थन दिया है। साथ ही INDIA की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का भी विरोध किया है। 

बीआरएस ने दिल्ली सर्विस बिल का किया विरोध

BRS ने अपने सभी राज्यसभा सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने और दिल्ली में सेवाओं से जुड़े अध्यादेश संबंधी विधेयक के खिलाफ मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया था। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इन सभी सदस्यों को 31 जुलाई से 4 अगस्त के बीच और विधेयक पर मतदान खत्म होने तक सदन में उपस्थित रहना है। मालूम हो कि उच्च सदन में बीआरएस के 7 सदस्य हैं। दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली में समूह-A के अधिकारियों की नियुक्ति और ट्रांसफर को सुगम बनाने के लिए प्राधिकार गठित करने के प्रावधान वाले विधेयक को पिछले हफ्ते मंजूरी दी थी।

NDA या INDIA की बैठकों से BRS की दूरी 

केसीआर की पार्टी ने अब तक INDIA गठबंधन की दोनों राष्ट्रीय स्तर की बैठकों में भाग नहीं लिया है। BRS जुलाई के मध्य में नई दिल्ली में आयोजित 38 दलों की भाजपा के नेतृत्व वाली मेगा बैठक में भी नहीं दिखाई दी। INDIA के गठन के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री की यह पहली प्रतिक्रिया है। इससे पहले भी उन्होंने साफ किया था कि वह विपक्ष या एनडीए की एकता की कोशिशों में शामिल नहीं होंगे। KCR ने कहा कि बीआरएस को एक पार्टी को हटाकर दूसरी पार्टी को केंद्र की सत्ता में लाने में दिलचस्पी नहीं है। मालूम हो कि केसीआर ने पिछले साल अक्टूबर में अपने दल TRS का नाम बदलकर BRS (भारत राष्ट्र समिति) कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश ऐलान किया था।



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