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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने 77वां स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार को अपने संबोधन में शिक्षा को समवर्ती सूची से वापस राज्य सूची में लाने, मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश के लिए नीट जैसी परीक्षाओं को खत्म करने और स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए मासिक पेंशन में बढ़ोतरी सहित कई मांगें उठायी। स्टालिन ने यहां सेंट जॉर्ज किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद राज्य को संबोधित करते हुए दृढ़ता से अपनी मांग दोहराई कि शिक्षा विषय को समवर्ती सूची से संविधान की 7वीं अनुसूची की राज्य सूची में वापस स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में संघीय सिद्धांतों के साथ एकजुट राज्यों को पूर्ण स्वायत्तता के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्रियों – द्रविड़ और द्रमुक के कद्दावर नेता सी.एन.अन्नादुरई, जिन्हें लोकप्रिय रूप से ‘अन्ना’ (बड़े भाई) कहा जाता है और द्रमुक के संरक्षक एम. करुणानिधि–इस संबंध में लगातार आवाज उठाते रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘लोगों से सीधा संबंध रखने वाले सभी विषयों को राज्य सूची में लाया जाना चाहिए, खासकर शिक्षा के विषय को समवर्ती सूची से वापस राज्य सूची में लाया जाना चाहिए।’
स्टालिन ने कहा, ‘केवल अगर ऐसा किया जाता है, तो नीट जैसी क्रूर परीक्षाओं को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है।’ उन्होंने सोमवार को ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर नीट छूट विधेयक के लिए तत्काल सहमति मांगी थी, जिसे एमबीबीएस में छात्रों को प्लस-2 अंकों के आधार पर पाठ्यक्रम प्रवेश देने के लिए राज्य विधानसभा में अपनाया गया था।’
उन्होंने कहा कि विभन्नि जाति, धर्म, भाषा और परंपरा के लोगों वाले राज्यों के साथ एकजुट देश में सभी वर्गों के लोगों का सर्वांगीण विकास होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को दी जाने वाली सच्ची श्रद्धांजलि सामाजिक न्याय, समानता, भाईचारा, समान न्याय, धर्मनिरपेक्षता और गरीबों और वंचितों के कल्याण के सद्धिांतों वाले भारत का निर्माण करना है। उन्होंने कहा, ‘आइए हम उसी एकता के साथ आजादी की रक्षा करें जिसके साथ हमें आजादी मिली थी और विभाजनकारी ताकतों को जड़ से उखाड़ फेंकें’ और उन्होंने राज्य के लोगों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर उन्होंने राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी कई कल्याणकारी योजनाओं का जक्रि किया जिनमें महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इस योजना से रोजाना 50 लाख महिलायें लाभ उठाती हैं।