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NEET PG: स्नातकोत्तर (पीजी) मेडिकल में दाखिले के लिए काउंसलिंग अब केवल ऑनलाइन माध्यम से होगी और कॉलेजों को प्रत्येक पाठ्यक्रम के लिए फीस पहले से घोषित करनी होगी। इसके अलावा कोई भी कॉलेज अपने दम पर प्रवेश नहीं दे सकेंगे।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की ओर से हाल ही में अधिसूचित किए गए ‘स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा विनियम, 2023’ में यह जानकारी दी गई। विनियम के अनुसार, सभी पीजी सीट के लिए अलग-अलग चरण के परामर्श राज्य या केंद्रीय परामर्श अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से किए जाएंगे।
तीसरे वर्ष से स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू
एनएमसी के पीजी मेडिकल एजुकेशन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. विजय ओझा ने बताया कि नए नियमों के मुताबिक, स्नातक मेडिकल कॉलेज अब तीसरे वर्ष से स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू कर सकते हैं। पहले यह नैदानिक विशिष्टताओं में चौथे वर्ष से था। इसमें कहा गया है कि पीजी विद्यार्थियों को अपने कोर्स करिकुलम के हिस्से के तौर पर कम से कम तीन माह जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं देनी होंगी। इससे वे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं से रूबरू हो सकेंगे। इसके मुताबिक पीजी मेडिकल काउंसलिंग ऑनलाइन आयोजित की जाएगी जिससे योग्यता-आधारित चयन प्रक्रिया सुनिश्चित हो। मेडिकल कॉलेजों द्वारा सीट मैट्रिक्स में फीस डिटेल्स का खुलासा ने करने पर सीटों की गिनती नहीं की जाएगी। चिकित्सा संस्थानों को नियमों का उल्लंघन करने पर प्रति सीट एक करोड़ का जुर्माना भरना पड़ता है। लगातार उल्लंघन पर दो साल का एडमिशन बैन लगाया जा सकता है।
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