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राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) के सभी अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा शुल्क में 750 रुपये की कटौती की गई है। एक अधिकारी ने बताया कि आयुर्विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) ने नीट पीजी की परीक्षा में बैठने वाले लाखों अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाने के मकसद से परीक्षा शुल्क कम करने का फैसला किया। अधिकारी के मुताबिक, आगामी परीक्षा के लिए एक जनवरी, 2024 के बाद आवेदन पत्र जमा करने वाले सभी अभ्यर्थियों को कम शुल्क का भुगतान करना होगा। अधिकारी ने बताया कि नया आवेदन शुल्क 2013 में लिए गए शुल्क से कम होगा।
अधिकारी के मुताबिक, 2013 में सामान्य और ओबीसी वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 3,750 रुपये था, जिसे 2021 में बढ़ाकर 4,250 रुपये (वर्तमान शुल्क) कर दिया गया था हालांकि, एक जनवरी 2024 से इस शुल्क को घटाकर 3,500 रुपये कर दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि वहीं 2013 में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 2,750 रुपये था, जिसे 2021 में बढ़ाकर 3,250 रुपये कर दिया गया था लेकिन अब इसे घटाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है।
यह परीक्षा 7 जुलाई को होगी। इस वर्ष परीक्षा के लिए पात्रता के लिए कट-ऑफ तिथि 15 अगस्त है। यह परीक्षा पहले 3 मार्च को आयोजित होने वाली थी।
एनईईटी-पीजी एक पात्रता-सह-रैंकिंग परीक्षा है जो राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के तहत विभिन्न एमडी/एमएस और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एकल प्रवेश परीक्षा के रूप में निर्धारित है।
मेडिकल पीजी कोर्सेज में दिखेंगे ये बदलाव
एनएमसी की ओर से जारी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशंस 2023 ( पीजीएमईआर 2023 ) के तहत कई सुधार किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि पीजी विद्यार्थियों को अपने कोर्स करिकुलम के हिस्से के तौर पर कम से कम तीन माह जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं देनी होंगी। इससे वे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं से रूबरू हो सकेंगे। इसके मुताबिक पीजी मेडिकल काउंसलिंग ऑनलाइन आयोजित की जाएगी जिससे योग्यता-आधारित चयन प्रक्रिया सुनिश्चित हो। मेडिकल कॉलेजों द्वारा सीट मैट्रिक्स में फीस डिटेल्स का खुलासा ने करने पर सीटों की गिनती नहीं की जाएगी। चिकित्सा संस्थानों को नियमों का उल्लंघन करने पर प्रति सीट एक करोड़ का जुर्माना भरना पड़ता है। लगातार उल्लंघन पर दो साल का एडमिशन बैन लगाया जा सकता है।
पीजीएमईआर 2023 के मुताबिक सरकारी हो या प्राइवेट, सभी पीजी मेडिकल छात्रों को अब बराबर स्टाइपेंड मिलेगा। उन्हें साल में 20 दिन की पेड लीव (सीएल) और एक वीकली ऑफ मिलेगा। सभी पीजी छात्रों को एक साल के अंदर ही बेसिक कार्डिक लाइफ सपोर्ट (बीसीएलएस) और एडवांस्ड कार्डिक लाइफ सपोर्ट (एसीएलएस) की स्किल्स सीखी होगी। इन दोनों सर्टिफिकेट कोर्स के बगैर छात्रों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा।
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