ऐप पर पढ़ें
राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातकोत्तर परीक्षा जुलाई के पहले सप्ताह में और काउंसलिंग अगस्त के पहले सप्ताह में आयोजित होने की संभावना है। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने आगे कहा कि नेशनल एग्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) इस साल आयोजित नहीं किया जाएगा। एक सूत्र ने कहा, ‘नीट-पीजी परीक्षा जुलाई के पहले सप्ताह में जबकि काउंसलिंग अगस्त के पहले सप्ताह में शुरू होने की संभावना है।’ स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा (संशोधन) विनियम, 2018 की जगह लेने के लिए हाल ही में अधिसूचित ‘स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा विनियम’ के अनुसार मौजूदा एनईईटी-पीजी परीक्षा तब तक जारी रहेगी जब तक कि स्नातकोत्तर दाखिले के उद्देश्य से प्रस्तावित एनईएक्सटी की शुरुआत नहीं हो जाती।
एनईईटी-पीजी एक पात्रता-सह-रैंकिंग परीक्षा है जो राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के तहत विभिन्न एमडी/एमएस और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एकल प्रवेश परीक्षा के रूप में निर्धारित है।
मेडिकल पीजी कोर्सेज में दिखेंगे ये बदलाव
एनएमसी की ओर से जारी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशंस 2023 ( पीजीएमईआर 2023 ) के तहत कई सुधार किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि पीजी विद्यार्थियों को अपने कोर्स करिकुलम के हिस्से के तौर पर कम से कम तीन माह जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं देनी होंगी। इससे वे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं से रूबरू हो सकेंगे। इसके मुताबिक पीजी मेडिकल काउंसलिंग ऑनलाइन आयोजित की जाएगी जिससे योग्यता-आधारित चयन प्रक्रिया सुनिश्चित हो। मेडिकल कॉलेजों द्वारा सीट मैट्रिक्स में फीस डिटेल्स का खुलासा ने करने पर सीटों की गिनती नहीं की जाएगी। चिकित्सा संस्थानों को नियमों का उल्लंघन करने पर प्रति सीट एक करोड़ का जुर्माना भरना पड़ता है। लगातार उल्लंघन पर दो साल का एडमिशन बैन लगाया जा सकता है।
पीजीएमईआर 2023 के मुताबिक सरकारी हो या प्राइवेट, सभी पीजी मेडिकल छात्रों को अब बराबर स्टाइपेंड मिलेगा। उन्हें साल में 20 दिन की पेड लीव (सीएल) और एक वीकली ऑफ मिलेगा। सभी पीजी छात्रों को एक साल के अंदर ही बेसिक कार्डिक लाइफ सपोर्ट (बीसीएलएस) और एडवांस्ड कार्डिक लाइफ सपोर्ट (एसीएलएस) की स्किल्स सीखी होगी। इन दोनों सर्टिफिकेट कोर्स के बगैर छात्रों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा।