Tuesday, December 24, 2024
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NEET UG : बीते 3 सालों में कितने छात्रों ने दी नीट परीक्षा, कितनी थीं MBBS सीटें, सरकार ने दी पूरी डिटेल


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NEET UG : पिछले साल 18 लाख से ज्यादा छात्र छात्राओं ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट दी थी। इसमें से 17.64 लाख स्टूडेंट्स परीक्षा में बैठे। पिछले साल सरकारी और प्राइवेट सभी मेडिकल कॉलेजों में कुल मिलाकर एमबीबीएस की 96,077  सीटें एडमिशन के लिए उपलब्ध थीं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण  राज्य मंत्री भारती प्रवीन पवार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जवाब दिया। सांसद मुकल बालकृष्ण वासनिक ने पूछा था कि पिछले तीन सालों में कितने कितने स्टूडेंट्स ने नीट यूजी की परीक्षा दी और कितनी मेडिकल की सीटें उपलब्ध थीं। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या मेडिकल कोर्सेज की प्रवेश प्रक्रिया में जटिलता ने कई कानूनी मामलों को जन्म दिया है और मेडिकल एजुकेशन काउंसलरों की एक छोटी इंडस्ट्री को जन्म दिया है और क्या सरकार इसे सरल बनाने के लिए प्रवेश प्रक्रिया में सुधार करने की योजना बना रही है। 

केंद्रीय मंत्री ने दी यह जानकारी- कितने स्टूडेंट्स ने लिया हिस्सा 

– वर्ष 2020 में नीट यूजी में 15,97,435 ने आवेदन किया था। इसमें से 13,66,945 ने परीक्षा दी। 

– वर्ष 2021 में 16,14,777 ने आवेदन किया था जिसमें से 15,44,273 ने परीक्षा में हिस्सा लिया। 

– वर्ष 2022 में 18,72,343 ने आवेदन किया था जिसमें से 17,64,571 ने हिस्सा लिया। 

NEET UG , NEET PG : सरकार ने दिया वर्ष 2023 की MBBS और पीजी सीटों का लेटेस्ट ब्योरा, देखें राज्यवार सीटें

कितनी कितनी थीं  एमबीबीएस सीटें 

2020- 83,275 सीटें

2021- 92,065  सीटें

2022- 96,077  सीटें

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मेडिकल यूजी और पीजी कोर्सेज में दाखिले के लिए नीट परीक्षा के स्कोर के आधार पर कॉमन काउंसलिंग आयोजित की जाती है। अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीटों, केंद्रीय संस्थानों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए केंद्रीय स्तर पर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज के मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (एमसीसी) की ओर से कॉमन काउंसलिंग आयोजित की जाती है। उन्होंने कहा कि एमसीसी द्वारा सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की सभी सीटों के लिए कॉमन काउंसलिंग भी आयोजित की जाती है।

जबकि राज्य कोटे की सीटों, अल्पसंख्यक संस्थानों समेत राज्य के निजी विश्वविद्यालयों से संबद्ध निजी मेडिकल कॉलेजों में संबंधित राज्य सरकार या इसके द्वारा बनाई गई अथॉरिटी द्वारा काउंसलिंग कराई जाती है। 

पवार ने कहा, ‘उम्मीदवारों को मेडिकल सीटें उनकी योग्यता के आधार पर और ऑनलाइन काउंसलिंग सॉफ्टवेयर में उम्मीदवार द्वारा चुने गए विकल्पों के अनुसार आवंटित की जाती हैं। पूरी आवंटन प्रक्रिया ऑनलाइन है।’



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