Monday, December 23, 2024
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NEET UG Success Story: MBBS छात्रा ने बताया, नीट में 427 के स्कोर को कैसे 634 तक पहुंचाया


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NEET UG 2024: इस साल डॉक्टर बनने का ख्वाब लिए करीब 21 लाख बच्चे मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट देंगे। लेकिन देश में सिर्फ 1.09 लाख एमबीबीएस सीटें होने के चलते बहुत कम फीसदी स्टूडेंट्स का सपना साकार हो पाएगा। यानी हर एमबीबीएस सीट के करीब 19 दावेदार हैं। यह स्थिति हर साल देखने को मिलती है। नतीजतन बहुत से बच्चे या तो अपना ईयर ड्रॉप कर फिर से दूसरे अटेम्प्ट की तैयारी में जुट जाते हैं। या फिर विदेश से एमबीबीएस का रास्ता तलाशते हैं। बहुत से स्टूडेंट्स बीडीएस, बीएससी नर्सिंग, बीएमएस, बीएचएस जैसे अन्य करियर ऑप्शन से संतोष करते हैं। यहां हम एक ऐसी छात्रा की कहानी शेयर कर रहे हैं जिसने नीट में मिली पहली असफलता से हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में शानदार नीट स्कोर हासिल कर एमबीबीएस सीट पक्की की। 

अदिति प्रिया इस समय प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेंज, नई दिल्ली से एमबीबीएस कर रही हैं। अदिति के नीट के पहले अटेम्प्ट में 427 मार्क्स आए थे। उन्होंने ईयर ड्रॉप किया और दूसरे अटेम्प्ट में 634 मार्क्स हासिल कर नामी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया। उन्होंने अपनी 427 से 634 मार्क्स की यात्रा को शेयर किया है। 

जोश टॉक्स पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा से अपने दादाजी की तरह डॉक्टर बनना चाहती थी। लेकिन ये सफर मेरे लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। मैं 2021 में नीट यूजी में अपने पहले प्रयास में बैठी लेकिन बुरी तरह असफल रही। फिर मैंने ईयर ड्रॉप किया और एक साल पूरी तरह समर्पित होकर नीट की तैयारी की। नीट यूजी 2021 में 427 से मैं 2022 में 634 अंक हासिल करने में सफल रही।’

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उन्होंने कहा, ‘मैंने 10वीं कक्षा की परीक्षा समाप्त होने के बाद मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दी थी। हालांकि नीट में मेरा पहला प्रयास खराब हो गया। फिर मैंने अपने अगले प्रयास में सभी कमियों पर फिर से ध्यान देना शुरू कर दिया। मैंने नीट के हर विषय के लिए छोटे छोटे नोट्स बनाए। मेरे द्वारा बनाए गए छोटे नोट्स के कारण ही मेरे दूसरे प्रयास में मेरे नीट अंकों में सुधार हुआ। मैं महत्वपूर्ण प्वॉइंट को भी लिख लेती थी और उन्हें दोहराता रहता थी। मैंने एनसीईआरटी की किताबों पर ज्यादा फोकस किया और उन्हें अच्छे से पढ़ा। सिलेबस पूरा होने के बाद, मैंने मॉक टेस्ट देना शुरू किया। ऑनलाइन मॉक टेस्ट देने के बजाय, मैंने ऑफलाइन मोड में मॉक टेस्ट देने पर भरोसा किया क्योंकि वास्तविक नीट पेन पेपर बेस्ड परीक्षा के रूप में आयोजित किया जाता है। इस दौरान मैंने मॉक टेस्ट में अपनी गलतियों का विश्लेषण किया और एक मिस्टेक बुक भी बनाई। मैं देखती और चेक करती कि मैंने अपने पिछले टेस्ट में क्या गलतियां कीं और यह सुनिश्चित किया कि मैं वही गलतियां न दोहराऊं।

उन्होंने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कौन सी परीक्षा देते हैं – नीट या कोई अन्य, लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे बहुत से लोग मिलेंगे जो तुम्हें रास्ते से भटका देंगे। लेकिन आपको अपने लक्ष्य से नहीं भटकना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। परीक्षा का दिन सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि आपको कोई प्रश्न समझ में नहीं आता है तो घबराएं नहीं। इससे आपकी पूरी परीक्षा खराब हो सकती है।’



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