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स्मार्टफोन यूजर्स को निशाना बनाने के लिए अटैकर्स कई तरकीबें आजमाते हैं और नया तरीका फेक ऐप्स से जुड़ा है। भारतीय सुरक्षा रिसर्चर्स ने बताया है कि नए मालवेयर कैंपेन में अलग-अलग इंडस्ट्रीज के डिवाइसेज को Netflix, Instagram, Youtube और Opera Mini जैसी फेक ऐप्स के जरिए निशाना बनाया जा रहा है। साइबर हैकर्स सोशल मीडिया ऐप्स के जरिए अपना कैंपेन चला रहे हैं और DogeRAT (रिमोट ऐक्सेस ट्रोजन) के जरिए अटैक कर रहे हैं।
SMS स्टीलर स्कैम कैंपेन की जांच के दौरान CloudSEK की TRIAD टीम ने DogeRAT मालवेयर का पता लगाया है। रिसर्चर्स ने बताया है कि नया मालवेयर एक ओपेन सोर्स मालवेयर है और बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, ई-कॉमर्स, एंटरटेनमेंट और इंश्योरेंस (BFSI) इंडस्ट्रीज से जुड़ने वाले इंटरनेट यूजर्स को निशाना बना रहा है। इस कैंपेन का शिकार बनने वाले सबसे ज्यादा यूजर्स भारतीय हैं लेकिन यह ग्लोबल मालवेयर अटैक है।
इन पांच गलतियों की वजह से स्लो हो जाते हैं स्मार्टफोन, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे?
आखिर क्या है DogeRAT मालवेयर?
AI कंपनी CloudSEK ने बताया है कि DogeRAT मालवेयर असली मोबाइल ऐप्लिकेशन या गेम की शक्ल में डिवाइसेज तक पहुंचता है और टारगेट डिवाइस का कंट्रोल हैकर को मिल जाता है। यह मालवेयर गेम्स, प्रोडक्टिविटी टूल्स, या फिर यूट्यूब-नेटफ्लिक्स जैसी एंटरटेनमेंट ऐप्स की तरह मेसेजिंग ऐप टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए फैलाया जा रहा है। थर्ड-पार्टी ऐप इंस्टॉलेशन इसके इन्फेक्शन की वजह बन सकता है।
बैंक अकाउंट में लगाई जाती है सेंध
डिवाइस तक पहुंचने के बाद मालवेयर विक्टिम की सारी पर्सनल जानकारी चोरी करने लगता है, जिसमें उसके कॉन्टैक्ट्स से लेकर मेसेजेस और बैंकिंग लॉगिन डीटेल्स शामिल होती हैं। इसके अलावा मालवेयर डिवाइस का पूरा कंट्रोल अटैकर को देता है, जिसके बाद वह आसानी से फोन की ऐक्टिविटीज अपने हिसाब से कर सकता है और बैंकिंग ऐप्स के जरिए अकाउंट में सेंध लगा सकता है। अटैकर फोन के कैमरा और माइक्रोफोन के साथ जासूसी भी कर सकता है।
ना हैकिंग का खतरा, ना वायरस का डर.. आपके फोन को सुरक्षित रखेंगी ये मोबाइल ऐप्स
खुद को ऐसे सुरक्षित रख पाएंगे आप
अपने स्मार्टफोन को ऐसे मालवेयर के खतरे से सुरक्षित रखने के लिए बेहद जरूरी है कि आप केवल भरोसेमंद सोर्स से ही नई ऐप इंस्टॉल करें। अपने डिवाइस का सॉफ्टवेयर अपडेट करते रहें, इसके अलावा किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने या अटैचमेंट डाउनलोड करने की गलती ना करें। खुद को जागरूक रखें क्योंकि अटैकर्स लालच देने से लेकर डराने तक के पैंतरे आजमाते हैं। आप मालवेयर डिटेक्शन टूल्स की मदद भी ले सकते हैं।