Thursday, November 7, 2024
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New Year से राजस्थान के सरकारी विभागों में ई-मॉड्युल सिस्टम होगा लागू, पढ़ें क्या होगा फायदा


हाइलाइट्स

ई-मॉड्युल सिस्टम को लेकर सीएस ने जारी किए आदेश
ई-मॉड्युल सिस्टम से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आएगी
ई-मॉड्युल सिस्टम से काम होने के कारण कामकाज में तेजी भी आएगी

जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) नए साल से सरकारी विभागों में ई-फाइल मॉड्युल सिस्टम (E-File Module System) लागू करने जा रही है. पहले एक जनवरी से सचिवालय में नोटशीट प्रक्रिया इलेक्ट्रोनिक मोड पर सम्पन्न होगी. उसके बाद सभी अधीनस्थ विभागों-कार्यालयों में 30 जनवरी तक ई-फाइल सिस्टम लागू हो जाएगा. राजस्थान में सुशासन की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. राज-काज पोर्टल के जरिए सभी विभागों में ई-फाइल मॉड्युल लागू किया जा रहा है. पारदर्शी शासन प्रणाली के लिए यह बड़ा कदम माना जा रहा है.

सरकारी कामकाज में पारदर्शिता,जवाबदेही और त्वरित कार्य निस्तारण की मंशा से लाए जा रहे इस ई-फाईल मॉड्युल के उपयोग से ना केवल पत्रावलियों की रीयल टाइम ट्रैकिंग की जा सकेगी बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों के राजकीय यात्रा पर होने पर भी कामकाज का समयबद्ध निस्तारण संभव हो पाएगा. राजस्थान में इस मॉड्युल को लागू करने के लिए मुख्य सचिव ने सर्क्युलर जारी कर दिशा-निर्देश दे दिए हैं.

राजकाज एप्लिकेशन में ई-फाइल पर प्राथमिकता से लाने के निर्देश
सबसे पहले 1 जनवरी से सचिवालय के सभी विभागों में अनिवार्य रूप से पत्रावली प्रक्रिया इलेक्ट्रोनिक मोड में संपन्न की जाएगी. उसमें सभी नई पत्रावलियों को इलेक्ट्रोनिक मोड पर खोलने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा पुरानी पत्रावलियों को भी राजकाज एप्लिकेशन में ई-फाइल पर प्राथमिकता से लाने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्य सचिव ने सभी सचिव, प्रमुख सचिव और एसीएस को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने विभागों में ई-फाईल मॉड्युल को लागू करें.

आपके शहर से (जयपुर)

भौतिक पत्रावली खोलने के लिए लेनी होगी अनुमति
सभी विभागों को अधीनस्थ विभागों और कार्यालयों में 30 जनवरी तक ई-फाइल सिस्टम को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि जांच संबंधी मामलों की पत्रावलियों, कोर्ट संबंधी पत्रावलियों और गोपनीय पत्रावलियों को ई-फाइल सिस्टम से अलग रखा जाएगा. इसके अलावा यदि भौतिक पत्रावली खोलने की आवश्यकता हो तो भी उच्च अधिकारी से पूर्व में सहमति लेनी होगी. उसके बिना यह संभव नहीं होगा. उल्लेखनीय है कि सीएम अशोक गहलोत बीते काफी समय से इस बात पर जोर दे रहे है कि प्रदेश की शासन प्रणाली पारदर्शी होनी चाहिए. इस सिस्टम को लागू करने के लिए काफी समय से प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां की जा रही थी.

Tags: Ashok Gehlot Government, Jaipur news, Rajasthan government news, Rajasthan news



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