राजन कुमार अग्रवाल
सावन आने को है. श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ को जलाभिषेक करने की तैयारी कर ली है. काशी को भक्तों का इंतजार है. कुछ और नई तैयारियों के साथ काशी कॉरिडोर को भी आपका इंतजार है.
जी हां, बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए अब लंबी-लंबी कतारें लगेंगी. हर-हर महादेव के जयकारे से काशी की गलियां गुंजायमान हो उठेंगी और भक्त जलाभिषेक करके खुद को धन्य-धन्य समझेंगे. बनारस अपनी गलियों के साथ-साथ खानपान के अंदाज के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है. यहां की लस्सी, यहां की लौंगलता, यहां की जलेबी, यहां की चाट या बनारस का पान. लिस्ट छोटी पड़ जाएगी लेकिन स्वाद कम नहीं होगा.
बनारस, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है. पहली बार सांसद चुने जाने से पहले नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था-बनारस को क्योटो बना दूंगा. मोदी चुनाव जीत गये. प्रधानमंत्री बन गये. तब सवाल उठाने वालों ने खूब पूछा-बनारस क्योटो बन पाएगा क्या? तारों के जंजाल से शहर को मुक्ति मिलेगी क्या? प्रधानमंत्री ने कभी बोलकर इसका जवाब नहीं दिया, बल्कि वे काम करते रहे और सवाल उठाने वालों को जवाब मिलता रहा. प्रधानमंत्री योजना बनाते और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसे मूर्त रूप प्रदान करने में जुट जाते हैं.
इस सावन में जब आप काशी विश्वनाथ की पूजा-अर्चना के लिए बनारस पहुंचेंगे और लंबी कतारों से आपका सामना होगा तब भी आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. भोलेनाथ की पूजा के बाद आपकी भूख मिटाने के लिए भी आपको इंतजाम मिलेगा. व्रत, उपवास करने वाले भक्तों को अब काशी विश्वनाथ धाम में फलाहार की सुविधा भी मिलेगी. फलाहार के साथ-साथ बिना लहसून-प्याज वाला भोजन भी प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकेंगे.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से ही बाबा के दरबार में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है. बढ़ती संख्या को देखते हुए योगी सरकार ने सुगम दर्शन के साथ-साथ ऐसी व्यवस्था की है, जो तीर्थ यात्रियों के लिए आवश्यक होती है. कॉरिडोर में रहने से लेकर खाने तक की जरुरत की सभी चीजें उपलब्ध हो रही हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर भक्तों की सुगमता, सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर में ही अब रेस्टोरेंट और फूड कोर्ट की शुरुआत की गई है. जिससे भक्तों को काफी सहूलियत होगी.
भगवान भोलेनाथ के दर्शन करके बाहर निकलते ही सामने बड़े-बड़े अक्षरों में हाईलाइट किया गया उड़ूपी टू मुंबई फूड कोर्ट आपका ध्यान बरबस अपनी ओर खींच लेता है. दिल्ली के कनॉट प्लेस या लखनऊ के सबसे व्यस्त बाजार की चकाचौंध में खोया सा नहीं, बल्कि अपनी चमकदार सादगी, स्वच्छता और खाने की सुगंध से आपको अपनी ओर आकर्षित करता सा फूड कोर्ट.
हरी-हरी प्लेट में जब चटनी और भूनी हुई मिर्च के साथ महाराष्ट्र का बड़ा पाव बनारस में खाने को मिले तो खाने वाले की जुबान से स्वत: निकल आता है- वाह-वाह. सुदूर दक्षिण से काशी विश्वनाथ के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को जब बनारसी जायका मिले तो वे भी वाह-वाह करते-करते हर-हर महादेव के जयकारे लगाने लगते हैं और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर शिव भक्ति से सराबोर नजर आने लगता है.
इस फूड कोर्ट में सादगी के साथ-साथ स्वच्छता का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया है. खाना बनाने वालों और परोसने वालों ने बालों पर प्लास्टिक कैप लगाई हुई है ताकि खाना बनाते और परोसते समय बाल टूट कर खाने में ना गिरे.
उड़ूपी टू मुंबई फूड कोर्ट के जनरल मैनेजर शरद शेट्टी बताते हैं, “हमारे इस फूड कोर्ट में कई कॉर्नर बने हैं. पीने का पानी, कोल्ड ड्रिंक्स, कई तरह की मिठाई जिसमें मलाई गिलोरी, लाल पेड़ा, बैकुंठ भोग, शिव भोग, काजू-कतली, रसमलाई, बरफी है. इसके अलावा उडूपी के स्टॉल पर साउथ इंडियन फूड है, इडली, डोसा, रसम-चावल, वड़ा-सांभर, महाराष्ट्र का बड़ा पाव उपलब्ध है. इसके अलावा यहां भांति-भांति चाय-कॉफी मिलती है. बनारस चाट कॉर्नर भी है जिसमें कई तरह की चाट उपलब्ध है, लेकिन विशेष है बनारसी चाट, इसके अलावा समोसा चाट, कचौड़ी और टिक्की चाट खाने के लिए मिलेगी. गोलगप्पे भी हैं. बेकरी और कुकीज के लिए भी अलग कॉर्नर बने हैं. खास बात ये है कि सब कुछ बिना लहसून-प्याज का है. उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए खाने का सारा सामान बिना लहसून-प्याज का बनाया जाता है.”
बिना प्याज-लहसून का खाना भक्तों के लिए किसी प्रसाद से कम नहीं. बाबा के दर्शनों के लिए पहुंचे भक्त फूड कोर्ट की प्रशंसा करते नहीं अघा रहे. आपको ये पढ़कर आश्चर्य हो सकता है लेकिन भक्तों को लगता है कि ये बाबा का दिया हुआ आशीर्वाद है जो उनकी श्रद्धा-भक्ति के प्रसाद के रूप में मिला है.
बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए कानपुर से काशी पहुंची सुनीता वार्ष्णेय कहती हैं- ‘‘बनारस की चाट, बनारस का पान विश्व प्रसिद्ध है. बाबा के दरबार में हम पहले भी आते रहे हैं लेकिन इस बार जो आनंद आया है पहले कभी नहीं आया. बाबा के दरबार में फूड कोर्ट सोने पर सुहागा जैसा है. एक-डेढ़ घंटे लाइन में लगने के बाद बहुत भूख लगेगी, ऐसे में बिना लहसून-प्याज के इतनी अच्छी-अच्छी चीजें मिल रही हैं, यह बहुत अच्छा है. यह अविश्वसनीय है. इतनी अच्छी-अच्छी चीजें हमने खाईं हैं, मन खुश हो गया. आत्मा तृप्त हो गई.’’
किसी के लिए प्रयास किये जाएं और वो फलीभूत हो जाए तो इससे बड़ी कामयाबी और क्या हो सकती है. भक्तों से फूड कोर्ट के बारे में इतनी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलने के बाद उड़ूपी टू मुंबई रेस्टोरेंट के मालिक सूरज पाण्डेय भी गदगद हैं. वे कहते हैं -“मोदी जी और योगी जी के प्रयास से इतना सुंदर और भव्य कॉरिडोर और मंदिर के आसपास का इलाका बना है कि हर भारतीय चाहेगा कि एक बार यहां आकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करे. और इसी कड़ी में हमें भी मौका मिला है बाबा के भक्तों की सेवा करने का. उड़ूपी टू मुंबई रेस्टोरेंट हमारा ब्रांड है और पैन इंडिया रजिस्टर्ड है. हमें श्रद्धालुओं की सेवा करने का मौका मिला है और आने वाले सावन महीने में और महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं को हम व्रत का भोजन उपलब्ध कराएंगे और रोजाना के लिए भी हमारा प्रयास रहेगा कि भक्तों को बिना प्याज-लहसून का खाना परोस सकें.”
ये पहल अपने आप में अनुपम है. व्यवसाय के लिए जाना जाने वाला रेस्टोरेंट या फूड चेन जब व्रतियों और उपवास करने वालों का ध्यान करते हुए कोई पहल करता है तो भरोसा बनता है. भरोसा बढ़ता है. भरोसा इस बात का कि बात सिर्फ व्यवसाय की नहीं है, बात सेवा की है. उनकी सेवा जो बाबा की सेवा करने आए हैं. वरिष्ठ पत्रकार रत्नेश राय इस फूड कोर्ट की तारीफ करते हुए कहते हैं कि “काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. यहां आने वाले दर्शनार्थियों की सुगमता, सुरक्षा और सुविधा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोई कोर-कसर नहीं रहने दी है. कॉरिडोर में जो फूड कोर्ट बना है वहां आम दिनों में तो खाना मिलेगा ही लेकिन महाशिवरात्रि और सावन में आने वाले व्रतियों के लिए खास प्रबंध किया जाना सराहनीय है.”
योगी सरकार ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में गेस्ट हाउस, मुमुक्षु भवन, बुक शॉप, वाराणसी गैलेरी जैसी कई सुविधाएं पहले से ही सुनिश्चित की हुई हैं. अब ये फूड कोर्ट बनने से श्रद्धालुओं की राह और आसान हो गई है. बाबा के दर्शन में लगने वाला वक्त और उसके तुरंत बाद जलपान की व्यवस्था से श्रद्धालू गदगद हैं.
(डिस्क्लेमर- ये लेखक के निजी विचार हैं.)
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Tags: PM Modi, Prime minister
FIRST PUBLISHED : May 19, 2023, 17:42 IST