Pahalgam Attack: पहलगाम में निहत्थे पर्यटकों को निशाना बना कर आतंकियों और उन्हें पनाह देने वाले पाकिस्तान ने साफ कर दिया है कि उन्हें कश्मीर की शांति और विकास की तरफ बढ़ती कश्मीर की जनता की खुशी रास नहीं आ रही है. धर्म पूछकर गोली मारना, जिन पर्यटकों से कश्मीर में रोजगार का सृजन होता है उनपर हमला कर एक अघोषित युद्ध शुरु करने की हिमाकत पाकिस्तान ने एक बार फिर की है. लेकिन अपनी चाल में एक बार फिर पाकिस्तान फंसता नजर आ रहा है.
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान की घेरेबंदी शुरु कर दी है. दुनिया के सामने पाकिस्तान को एक बार फिर बेनकाब किया जा रहा है. सबसे बड़ी बात ये कि इस बर्बर आतंकी घटना के बाद दुनिया भर के देशों का जो समर्थन भारत को मिल रहा है उसने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है.
भारत के साथ दुनिया भर के देश
दुनिया भर से इस घटना की निंदा करते हुए राजनेताओं के फोन और शोक संदेश आ रहे हैं. फोन करने वालों में लगभग एक दर्जन प्रमुख राष्ट्राध्यक्ष रहे. 56 से ज्यादा देशों के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या फिर प्रधानमंत्रियों ने अपने दूतावासों के जरिए शोक संदेश भेजा है. इसके साथ ही कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, इजरायल, जैसे देशों के शीर्ष नेताओं ने शोक संदेश भी भेजा है. इसमें सभी पडोसी देश, बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान, श्रीलंका, नेपाल भी शामिल हैं. इसक अतिरिक्त 31 देशों के विदेश मंत्रियों ने भी पहलगाम की दुखद घटना पर शोक संदेश भेजा हैं और आतंक के खिलाफ जंग में भारत का साथ देने की बात की है.
इसके साथ ही 57 देशों के विदेश मंत्रालयों से भारत सरकार को शोक संदेश मिले हैं. 16 देशों के राजदूतों ने भी भारत के विदेश मंत्रालय के साथ शोक संदेश साझा किया है और भारत के साथ इस जंग में खड़े रहने की बात कही है. करीब 21 देशों के दूतावासों के हैंडल से भी शोक संदेश आए हैं. साथ ही दुनिया भर के देशों से लगभग 37 के करीब ऐसे शोक संदेश मिले है जो विभिन्न देशों के नेता विपक्ष, पूर्व पीएम, वरिष्ठ मंत्रियों की तरफ से भेजे गए हैं.
ट्रंप ने सबसे पहले किया फोन
राष्ट्रपति ट्रंप फोन करने वाले सबसे पहले राष्ट्राध्यक्ष थे जिन्होंने पीएम मोदी के रियाद दौरा बीच में छोड़ कर वापस लौटने के बाद सबसे पहला फोन किया है. दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में निहत्थे पर्यटकों पर किए हमले के खिलाफ भारत की करवाई में हर संभव मदद का आश्वासन दिया था. पीएम मोदी ने भी इस घटना को अंजाम देने वाले दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. फोन करने वाले प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों में इजरायल से लेकर मिस्त्र तक के राष्ट्रपति शामिल थे.
किस देश के राष्ट्राध्यक्षों ने भारत का दिया साथ
- डोनाल्ड ट्रंप—राष्ट्रपति, अमरीका
- एंथोनी अल्बानीज—पीएम, ऑस्ट्रेलिया
- के पी शर्मा ओली—पीएम, नेपाल
- डा नवीन रामगूलाम—पीएम, मॉरीशस
- जे डी वांस,-उपराष्ट्रपति अमरीका
- बेंजामिन नेतन्याहू—पीएम, इजरायल
- किंग अब्दुल्ला (2)—जॉर्डन के राजा
- शिगेरु इशीबा—पीएम, जापान
- इमेनुअल मैक्रॉन—राष्ट्रपति फ्रांस
- जियॉर्जिया मेलॉनी—पीएम, इटली
- अब्देल फतेह एल्सीसी—राष्ट्रपति, मिस्त्र
पूरी दुनिया आतंक की मार झेल रही है. चाहे दुनिया के विकसित देश हों या फिर विकासशील गरीब देश आतंकवाद ने मानवतावाद को पीछे छोड़ दिया है. पीएम मोदी ने अल्टीमेटम दे दिया है कि इस घटना के दोषी दुनिया के किसी भी कोने में रहें भारत उन्हें ढूंढ निकालेगा. ऐसे में दुनिया के तमाम शीर्ष नेताओं का रुख देख कर तो यही संदेश मिल रहा है कि आतंक के खिलाफ भारत की आगे की लड़ाई में वो साथ खड़े होंगे.