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Opinion: मोदी सरकार ने आदिवासियों के कल्याण के लिए किया सबसे ज्यादा काम

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Opinion: मोदी सरकार ने आदिवासियों के कल्याण के लिए किया सबसे ज्यादा काम

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदिवासी स्वाधीनता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर 15 नवंबर को झारखंड का दौरा कर रहे हैं. पीएम मोदी बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू का दौरा करने के बाद उस जेल का भी दौरा करेंगे, जिसमें बिरसा मुंडा ने अपने प्राण त्यागे थे. पीएम मोदी करीब 20 मिनट तक रांची के पुराने जेल परिसर में रहेंगे. नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए संकल्पित है और उनके हित में ठोस काम भी कर रही है. इसकी एक झलक इसी साल आम बजट के दौरान भी मिली जब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023-2024 में जनजातीय मामलों के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए. यह पिछले साल घोषित राशि से लगभग पांच गुना अधिक थी. सरकार बैगा, भारिया, सहरिया जैसी जनजातियों के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का विशेष मिशन शुरु करने जा रही है. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 1,32,000 करोड़ रुपये आदिवासी कल्याण पर खर्च किए गए हैं.

बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि करेंगे अर्पित
इस दौरान पीएम मोदी बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पुरानी जेल के बैरक नंबर 4 का दौरा करेंगे, जहां बिरसा मुंडा स्वर्गवासी हुए थे. इसे संग्रहालय के रूप में विकसित किया गया है. वह देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे जो बिरसा मुंडा की जन्मस्थली पर जाएंगे. अंग्रेजों से लड़कर अपने समुदाय में भगवान का दर्जा पाने वाले बिरसा मुंडा की जयंती को इससे पहले वो सम्मान नहीं मिल सका था, लेकिन मोदी सरकार ने साल 2021 में उनकी जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया और उन्हें सम्मान दिया.

करेंगे ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ का शुभारंभ
जनजातीय गौरव दिवस 15 नवंबर को ही पीएम मोदी दो महीने तक चलने वाली ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ का शुभारंभ भी करेंगे. यह यात्रा 2500 से अधिक आईईसी वैन के साथ 14 हजार से ज्यादा स्थानों पर ढाई लाख ग्राम पंचायतों और 3700 शहरी स्थानीय निकाय को कवर करेगी. विकसित भारत संकल्प यात्रा’ का ध्येय कहानियों, अनुभवों, नुक्कड़-नाटकों के जरिए केंद्र सरकार की योजनाओं और इसके लाभों के बारे में बताना है. यात्रा के दौरान लोगों को केंद्र सरकार की ओर से संचालित योजनाओं के लाभों के बारे में बताने के लिए क्विज का आयोजन भी किया जाएगा.

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खुलेंगे 500 से ज्यादा ‘एकलव्य स्कूल’ 
2004 से 2014 के बीच केवल 90 ‘एकलव्य स्कूल’ खुले थे, जबकि 2014 से 2022 तक मोदी सरकार ने 500 से ज्यादा ‘एकलव्य स्कूल’ स्वीकृत किए जिनमें से 400 से ज्यादा स्कूलों में पढ़ाई शुरू भी हो चुकी है और एक लाख से ज्यादा जनजातीय छात्र इन स्कूलों में पढ़ाई भी करने लगे हैं. 80 लाख से ज्यादा सेल्फ हेल्फ ग्रुप आज अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे हैं जिसमें सवा करोड़ से ज्यादा सदस्य जनजातीय समाज से हैं और इनमें भी बड़ी संख्या महिलाओं की है. अगले तीन वर्षों में 3.5 लाख आदिवासी छात्रों वाले 740 एकलव्य माडल आवासीय विद्यालयों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की केंद्रीय रूप से भर्ती की जाएगी. इसके अतिरिक्त अब 5 छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत 2500 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक बजट के साथ प्रत्येक वर्ष 30 लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है. पीएम मोदी के योगदान का जिक्र करते हुए झारखंड के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पीएम मोदी को सबसे बड़ा आदिवासी हितैषी बताया और कहा कि उन्होंने 8 आदिवासी समाज के सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह दी है.

… और भी कई काम कर रही है मोदी सरकार
आदिवासी और जनजातीय इलाकों में विकास के साथ शांति भी बनी रहे इसके लिए भी मोदी सरकार लगातार काम कर रही है. 28 अक्टूबर को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जानकारी देते हुए बताया, “ पीएम मोदी के आशीर्वाद से असम ने अप्रैल 2023 में गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में DNLA के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद आदिवासी क्षेत्रों में उग्रवाद को समाप्त कर दिया. आज इसके 181 कैडरों ने हाफलोंग में हथियार डाल दिए. आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक कैडर को ₹4 लाख की सावधि जमा प्राप्त हुई. मई 2021 से, लगभग 7,200 विद्रोहियों ने असम में आत्मसमर्पण किया है और चरमपंथी हिंसा में मरने वालों की संख्या शून्य है, जो 2 दशक पहले 400 से अधिक लोगों की दुखद मृत्यु के बिल्कुल विपरीत है.” इसी कारण अभी कुछ दिन पहले बस्तर में एक रैली में बोलते हुए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा, “जल, जंगल और जमीन की रक्षा के साथ साथ आदिवासी भाई-बहनों को सुरक्षा, सम्मान और समावेशी विकास देने का काम मोदी सरकार ने किया है.”

इसके अलावा कई राजनीतिक और सामाजिक कदम भी उठाये गए ताकि आदि समाज को सशक्त किया जा सके. इसमें सबसे प्रमुख कदम रहा आदिवासी जनजातीय समाज से आने वाली द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद पर आसीन करवा कर मोदी सरकार ने आदिवासियों का गौरव बढ़ाया.

Tags: Birsa Munda Jayanti, Opinion, PM Modi, Tribal

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