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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी डिप्लोमैटिक और पब्लिक रिलेशन बंद कर दिए हैं. SAARC वीजा स्कीम रद्द कर दी गई है. लेकिन क्या पाकिस्तान से इलाज कराने आए और पढ़ने आए लोगों को भी वापस जाना ह…और पढ़ें
मोदी सरकार ने ऐसा फैसला लिया, जिससे किसी भी पाकिस्तानी का यहां रहना मुश्किल होगा.
हाइलाइट्स
- भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी डिप्लोमैटिक और पब्लिक रिलेशन बंद किए.
- SAARC वीजा स्कीम रद्द, पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश.
- अटारी बॉर्डर बंद, पाकिस्तानी छात्रों और मरीजों को भी भारत छोड़ना होगा.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने वो फैसला ले लिया, जिसका हर भारतीय बेसब्री से इंतजार कर रहा था. कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की मीटिंग के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने साफ कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के लिंक सीमापार से जुड़े होने के सबूत मिले हैं. इसलिए न तो कोई डिप्लोमैटिक रिश्ता होगा और न ही पब्लिक रिलेशन. पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने के आदेश दिए गए हैं. अटारी बॉर्डर जहां से लोग आते-जाते थे, उसे भी बंद कर दिया गया है. लेकिन क्या इलाज कराए आए, पढ़ने आए पाकिस्तानियों को भी क्या भारत छोड़ना होगा?
भारत ने अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को तुरंत बंद करने का फैसला किया है. सरकार ने कहा कि जो लोग मान्य दस्तावेजों के आधार पर इधर आए हैं वो इस रूट से 1 मई 2025 से पहले वापस जा सकते हैं. लेकिन सबसे बड़ा फैसला SAARC वीजा स्कीम को लेकर हुआ है. इसी स्कीम के जरिये तमाम पाकिस्तानी कलाकार और हस्तियां हर साल भारत आ जाया करते थे.
SAARC वीजा स्कीम को समझिए
भारत ने SAARC वीजा एक्सेम्प्शन स्कीम (SVES) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए सभी वीजा रद्द कर दिए हैं. इस स्कीम के तहत मल्टी-एंट्री वीजा मिलता था, जिससे पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा बॉर्डर या हवाई मार्ग से भारत आ सकते थे. इसे ऐसे समझिए कि सिंगल वीजा एंट्री के तहत सिर्फ अटारी बॉर्डर से ही एंट्री होती थी. लेकिन मल्टी-एंट्री वीजा के तहत दुबई या अन्य देशों से भी पाकिस्तान हवाई रास्ते से भारत आ जाते थे. अब इस स्कीम के तहत कोई भी पाकिस्तानी भारत नहीं आ सकेगा. जिन पाकिस्तानी नागरिकों के पास SVES वीजा है और वे अभी भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.
अन्य वीजा धारकों का क्या होगा?
जिन पाकिस्तानी नागरिकों के पास स्टूडेंट, मेडिकल, या बिजनेस जैसे अन्य वीजा हैं, फिलहाल उन्हें भी भारत छोड़ना होगा. इसके लिए सरकार ने 1 मई तक की तारीख दी है. ये लोग अटारी बाघा बॉर्डर से आए थे और इसी रास्ते इन्हें जाना होगा. लेकिन अब एक भी पाकिस्तानी इस रास्ते से भारत नहीं आ पाएगा. सूत्रों का कहना है कि सरकार का रुख बेहद सख्त है. ऐसे में छात्र हों या फिर इलाज कराए आए लोग, सबको वापस पाकिस्तान जाना ही होगा.
क्या टूट जाएंगे संबंध?
नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना, और वायु सलाहकारों को ‘Persona Non Grata’ घोषित कर दिया गया है. उन्हें एक सप्ताह के अंदर भारत छोड़ना होगा. भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से रक्षा, नौसेना, और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया है. दोनों देशों के उच्चायोगों में ये पद अब समाप्त कर दिए गए हैं. दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी. हालांकि, संबंध पूरी तरह टूटे नहीं हैं. उच्चायोग अभी भी खुले रहेंगे, लेकिन कम क्षमता के साथ काम करेंगे.