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एफबीआई निदेशक काश पटेल ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और भारत को समर्थन का आश्वासन दिया. हमले में 26 लोग मारे गए थे. राष्ट्रपति ट्रंप ने भी पीएम मोदी से बात कर संवेदना व्यक्त की.
अमेरिकी एफबीआई के निदेशक काश पटेल ने भारत को समर्थन की बात कही है.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हिंदू के नरसंहार के बाद पूरी दुनिया भारत से साथ खड़ी दिख रही है. इस बीच अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सरकार के एक ताकतवार अधिकारी काश पटेल ने भी आतंकवादी हमले की निंदा की. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार को निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया. 22 अप्रैल को हुए इस क्रूर हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस हमले को अंजाम दिया था. इस हमले ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक कूटनीतिक और सार्वजनिक आक्रोश पैदा कर दिया है.
एफबीआई के निदेशक पटेल ने एक्स पर लिखा कि एफबीआई कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के सभी पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती है. एफबीआई भारत सरकार को अपना पूरा समर्थन देना जारी रखेगी. उन्होंने आगे कहा कि यह आतंकवाद की बुराइयों से हमारी दुनिया को लगातार होने वाले खतरों की याद दिलाता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हमले के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और आतंकवादी कृत्य की कड़ी निंदा की.
विदेश मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन किया और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. राष्ट्रपति ट्रंप ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और इस जघन्य हमले के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए भारत के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया.”
हालांकि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी लेकिन पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए रोम जाते समय एक जब एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने उस प्रस्ताव को दोहराने से इनकार कर दिया.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह स्थिति को लेकर चिंतित हैं और क्या वह भारत और पाकिस्तान के नेताओं से बात करने की योजना बना रहे हैं, ट्रंप ने जवाब दिया, “उस सीमा पर 1500 वर्षों से तनाव है.” उन्होंने कहा, “लेकिन वे किसी न किसी तरह से इसका समाधान निकाल लेंगे. मुझे यकीन है कि मैं दोनों नेताओं को जानता हूं.” मध्यस्थता करने का कोई इरादा न दिखाने के बावजूद, ट्रंप और उनके अधिकारियों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और भारत को समर्थन देने का वादा किया.
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