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S Jaishankar News: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने श्रिकांत शिंदे और सुप्रिया सुले के नेतृत्व वाले डेलिगेशन का स्वागत किया. इन दलों ने अफ्रीकी देशों में पाक के झूठ की पोल खोली और भारत के दृष्टिकोण को साझा किया. …और पढ़ें
एस जयशंकर ने इन डेलिगेशन्स का स्वागत किया. (News18)
हाइलाइट्स
- जयशंकर ने शिंदे और सुले के नेतृत्व वाले डेलिगेशन का स्वागत किया.
- डेलिगेशन ने अफ्रीकी देशों में पाक के झूठ की पोल खोली.
- भारत ने पाक के आतंक परस्त सिस्टम को ध्वस्त किया.
नई दिल्ली. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सात मल्टी-पार्टी डेलिगेशन में से दो का स्वागत भारत लौटने पर किया. विदेशों में पाकिस्तान की पोल खोलने के बाद लोटे इस डेलिगशन ने विदेश मंत्री से मुलाकात की. पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंक परस्त सिस्टम की ध्वस्त कर दिया था. इसके बाद पाकिस्तान ने दुनिया भर में अपने झूठ का पिटारा खोल दिया था. ऑल पार्टी डेलिगेशन इस झूठ की पोल खोलने के लिए दुनिया भर में गया. हर डेलिगेशन में सात सांसद हैं. जो दो डेलिगेशन लौटे थे उनमें से एक का नेतृत्व श्रिकांत शिंदे और दूसरी का सुप्रिया सुले कर रही थी.
क्या बोले एस जयशंकर?
अफ्रीकी देशों ने दिया भारत का साथ
जयशंकर ने विशेष रूप से शिंदे के दल की प्रशंसा की, जिन्होंने वेस्ट अफ्रीकी देश सिएरा लियोन और लाइबेरिया में पुलवामा हमले के शहीदों की स्मृति में मौन रखवाया. यह एक प्रतीकात्मक और भावनात्मक संकेत था कि भारत की पीड़ा को विश्व स्तर पर साझा किया जा सकता है. कई देशों ने भारत से पाकिस्तान से बातचीत की मांग की, जिस पर दलों ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक नीतियों के कारण संवाद संभव नहीं. यह संदेश देना आवश्यक था कि भारत शांति चाहता है, लेकिन आत्मसम्मान और सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकता. प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि भारत को इन देशों के साथ व्यापार, संस्कृति, पर्यटन और मीडिया संवाद जैसे क्षेत्रों में भी सक्रियता दिखानी चाहिए. लाइबेरिया ने भारत में एक वाणिज्य दूतावास खोलने की इच्छा जताई है और व्यापार के लिए रबर व खनिज क्षेत्रों में संभावनाएं खोजने का सुझाव भी दिया गया.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें