Monday, December 16, 2024
Google search engine
HomeWorldPakistan Crisis: यूक्रेन और रूस दोनों तरफ से चांदी काट रहा धोखेबाज...

Pakistan Crisis: यूक्रेन और रूस दोनों तरफ से चांदी काट रहा धोखेबाज पाकिस्तान, जेलेंस्‍की को पहुंचाया हथियार तो पुतिन से लिया गेहूं, समझें खेल


इस्लामाबाद: यूक्रेन युद्ध में पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जो दोनों तरफ से खेल रहा है। जुलाई 2022 से ही पाकिस्तान लगातार यूक्रेन को चुपचाप हथियारों की सप्लाई कर रहा है। ऐसा करके साफ दिख रहा है कि पाकिस्तान युद्ध में पश्चिमी देशों के साथ खड़ा है। लेकिन पाकिस्तान इस बात से इंकार करता रहा है कि उसने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति की है। पाकिस्तान के विदेश प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान संघर्षों में हस्तक्षेप नहीं करता। हालांकि यह एक तरह का दिखावा है, क्योंकि पाकिस्तान का रिकॉर्ड रहा है कि वह दूसरों के युद्ध में जरूर हिस्सा लेता है।

1980 के दशक में अफगानिस्तान में रूस के खिलाफ संघर्ष में इसने अमेरिका का साथ दिया। बाद में 2001 में अमेरिका जब अफगानिस्तान में पहुंचा तो एक बार फिर वह युद्ध में शामिल हो गया। दूसरी तरफ ऐसा दिख रहा है कि रूस गहरे आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए मदद दे रहा है। रूस ने पाकिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजा है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 22 फरवरी को 9 जहाज रवाना हुआ और 1 मार्च को ग्वादर बंदरगाह पर पहुंचे।

चीन बना रहा अच्छे संबंध का दबाव

खबरों के मुताबिक चीन पाकिस्तान पर रूस से अच्छे संबंध रखने का दबाव बना रहा है। द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक कई पाकिस्तानी कंपनियों को अमेरिका की ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। इन पाकिस्तानी फर्मों को मिसाइल और न्यूक्लियर से जुड़ी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण ब्लैकलिस्ट में डाला गया है। इस लिस्ट में किन कंपनियों को डाला गया है उसके बारे में कोई रिपोर्ट नहीं है। इस बीच अमेरिका ने यह भी कहा है कि चीनी कंपनियां जेनेटिक डेटा इकट्ठा करने और उनके विश्लेषण में शामिल हैं।

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की सेना के पास नहीं हैं खाने के पैसे

भारत और रूस के हमेशा रहे अच्छे संबंध

भारत और पाकिस्तान दोनों एक साथ ब्रिटिश शासन से आजाद हुए थे। भारत ने तब गुटनिरपेक्ष नीति को अपनाया और अपने विकास पर ध्यान दिया। वहीं पाकिस्तान अमेरिका की गोद में जा बैठा। भारतीय विदेश नीति का नतीजा है कि वह स्वतंत्र रूप से बिना किसी के दबाव में आए अपने फैसले लेती है। उसके संबंध अमेरिका से भी अच्छे हैं और रूस से भी। युद्ध के दौरान भी भारत रूस से लगातार सस्ता तेल खरीद रहा है। पाकिस्तान भी यही चाहता है, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी वह ऐसा कर न सका।



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments