
पाकिस्तान डॉलर की कमी से जूझ रहा
बताया जा रहा है कि इस चीनी कंपनी को डॉलर में भुगतान किया जाना है लेकिन पाकिस्तान के पास डॉलर है ही नहीं। इसके अलावा इस बिजली परियोजना के निर्माण में जो पैसा खर्च हुआ था, वह भी पाकिस्तान नहीं दे सका है। चीनी कंपनी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने रुपये को डॉलर में बदलने की सीमा लगा रखी है जिससे उसका बकाया अब बढ़कर 6 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है। कंपनी ने पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारियों से इस मुद्दे को उठाया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 4 अरब डॉलर के बेहद निचले स्तर तक पहुंच गया है। इससे पाकिस्तान विदेश से आयात नहीं कर पा रहा है। इससे पहले चीन ने अरबों डॉलर का लोन दिया था तब जाकर वह डिफॉल्ट होने से बचा है। पाकिस्तान आईएमएफ से कर्ज की गुहार लगा रहा है लेकिन अब तक उसकी मनोकामना पूरी नहीं हो सकी है। पाकिस्तान सरकार बार-बार यही दावा कर रही है कि उसे आईएमएफ से लोन मिलने वाला है लेकिन वैश्विक एजेंसी उससे किनारा कर रही है। यही वजह है कि पाकिस्तान अब एक-एक डॉलर बचा रहा है।