Home World Pakistan Crisis India: चीनी लोन, आतंकी पालना, भारत से दुश्‍मनी… यूं ही नहीं भीख मांग रहे शहबाज, पाकिस्‍तानी विशेषज्ञों से समझें

Pakistan Crisis India: चीनी लोन, आतंकी पालना, भारत से दुश्‍मनी… यूं ही नहीं भीख मांग रहे शहबाज, पाकिस्‍तानी विशेषज्ञों से समझें

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Pakistan Crisis India: चीनी लोन, आतंकी पालना, भारत से दुश्‍मनी… यूं ही नहीं भीख मांग रहे शहबाज, पाकिस्‍तानी विशेषज्ञों से समझें

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इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान आर्थिक तबाही की कगार पर पहुंच गया है और उसके डिफॉल्‍ट होने का खतरा पैदा हो गया है। यही नहीं महासंकट की इस घड़ी में पाकिस्‍तान संग दोस्‍ती का दावा करने वाले चीन, सऊदी अरब और यूएई ने भी उसका साथ छोड़ दिया है। पाकिस्‍तान की सरकार आर्थिक संकट से निपटने के लिए आईएमएफ से गुहार लगा रही है लेकिन उसके धोखेबाजी से परेशान होकर वैश्विक कर्जदाता एजेंसी भी और ज्‍यादा लोन देने से कतरा रही है। इस बीच पाकिस्‍तान के चर्चित विशेषज्ञ और पूर्व राजदूत हुसैन हक्‍कानी कहते हैं कि पाकिस्‍तान की इस आर्थिक तबाही के लिए आतंकियों को शरण देना, चीन का कर्ज और भारत से दुश्‍मनी जिम्‍मेदार है।

पाकिस्‍तान में अभूतपूर्व आर्थिक संकट चल रहा है और एक डॉलर के मुकाबले पाकिस्‍तानी रुपया 275 तक पहुंच गया है। देश में महंगाई 27 प्रतिशत और विदेशी मुद्राभंडार साल 1998 के बाद सबसे निचले स्‍तर पर पहुंच गया है। यह अभी 3 अरब डॉलर के आसपास चल रहा है। पाकिस्‍तान इससे एक महीने का भी आयात नहीं कर सकता है। हुसैन हक्‍कानी कहते हैं कि आत‍ंकवाद ने पाकिस्‍तान में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश का रास्‍ता रोक दिया। इसके अलावा पाकिस्‍तान के चीन के ऊपर बहुत बुरी तरह से निर्भर होने से विशाल विदेशी कर्ज शहबाज सरकार के ऊपर लद गया है।
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‘भारत के साथ खराब रिश्‍ता, व्‍यापार सीमित’

अमेरिका के हडसन इंस्‍टीट्यूट सीनियर फेलो और वॉशिंगटन में पूर्व पाकिस्‍तानी राजदूत रह चुके हक्‍कानी कहते हैं, ‘पाकिस्‍तान ने अपने पड़ोसी देशों भारत और अफगानिस्‍तान के साथ खराब रिश्‍ते रखे हैं। इससे व्‍यापार की संभावना बहुत सीमित हो गई है।’ उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान को अभी जरूरत है कि वह समृद्धि के लिए विवादों से दूर हो जो अभी संभव होता नहीं दिख रहा है। वैश्विक विशेषज्ञों के मुताबिक इस्‍लामिक दुनिया के देश भी अब यह मानते हैं कि पाकिस्‍तान को अपना घर सुधारना होगा और वैश्विक कट्टरपंथी इस्‍लामिक गुटों को अपनी जमीन का इस्‍तेमाल करने से रोकना होगा।

वैश्विक विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्‍तानी सेना को अब यह समझ नहीं आ रहा है जिस आतंकी गुटी तहरीक-ए-तालिबान रूपी राक्षस को उन्‍होंने पैदा किया था, उसे अब कंट्रोल करना मुश्किल हो गया है। पाकिस्‍तान सरकार आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर का लोन चाहती है ताकि देश को डिफॉल्‍ट होने से बचाया जा सके। हालांकि अभी इसका पॉजिटिव रिजल्‍ट नहीं आया है। पाकिस्‍तानी मूल के अमेरिकी बिजनसमैन साजिद तरार कहते हैं कि पाकिस्‍तान में महंगाई अपने चरम पर है और इसे पाकिस्‍तान की आर्थिक बर्बादी को एक के बाद एक आई सरकारों के भ्रष्‍टाचार ने बढ़ा दिया है।
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‘परमाणु हथियारों से लैस पाक‍िस्‍तान में हालात बेकाबू’

तरार ने कहा कि पाकिस्‍तान में कोई उत्‍तरदायित्‍व नहीं है और हमारी सत्‍ता पर काबिज लोगों को देश में कोई रुचि ही नहीं है। वहीं भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल रिटायर जेजे सिंह कहते हैं कि ऐसा लगता है कि पाकिस्‍तान ने खुद ही अपनी बर्बादी का बटन दबा दिया है। उन्‍होंने कहा कि धीरे-धीरे परमाणु हथियारों से लैस पाकिस्‍तान में हालात नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हैं। जेजे सिंह ने कहा कि पाकिस्‍तान नेतृत्‍व के गंभीर संकट से जूझ रहा है।

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