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पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो टीवी की खबर के अनुसार, शहबाज शरीफ ने एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विदेशी कर्ज मांगना पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियों का समाधान नहीं है क्योंकि कर्ज वापस करना होगा। इमरान खान की राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि अतीत में ‘अराजकता और विरोध’ खड़ा करने में समय बर्बाद किया गया।
‘किसी ने नहीं दिया आर्थिक मुद्दों पर ध्यान’
शहबाज ने बोलते हुए कहा कि सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को हासिल किया जा सकता था और विदेशी कर्ज से बचा जा सकता था अगर उनकी ‘बस तेज गति से और सही रास्ते पर आगे बढ़ती’। देश की आर्थिक चुनौतियों पर बोलते हुए शहबाज ने खेद जताया कि पिछले 75 साल में, चाहें देश का नेतृत्व किसी राजनीतिक पार्टी के हाथ में हो या सैन्य तानाशाही, किसी ने भी आर्थिक मुद्दों का समधान नहीं किया।
‘यूएई ने प्यार से दे दिया लोन’
शहबाज ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात की हालिया यात्रा के दौरान यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद ने ‘बड़े प्यार से’ पाकिस्तान को और 1 बिलियन डॉलर लोन देने की घोषणा की। 350 अरब पाकिस्तानी रुपए की अर्थव्यवस्था वाला देश फिलहाल पूरी तरह विदेशी मदद पर निर्भर है। गंभीर आटा संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार रूस से गेहूं खरीद रही है। पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ और वैश्विक ऊर्जा संकट ने स्थिति को और खराब कर दिया है।
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