[ad_1]
आईएमएफ नहीं, चीन करेगा मदद!
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने बैंक ऑफ अमेरिका के हवाले से लिखा है, ‘चीन और पाकिस्तान के रिश्ते काफी करीबी हैं। ऐसे में चीन के लिए उम्मीदें बढ़ जाती हैं कि वह अपने इस पुराने साथी की मदद करेगा।’ बैंक की मानें तो आने वाले समय में चीन से ही पाकिस्तान को राहत मिल सकती है क्योंकि यह सबसे बड़ा लेनदार है। बैंक ऑफ अमेरिका की मानें तो पाकिस्तान को फिलहाल कर्ज की अदायगी को कुछ देर के लिए रोकना होगा क्योंकि उसे जल्द आईएमएफ से मदद नहीं मिलने वाली है। अर्थशास्त्रियों की टीम जिसमें कैथलीन ओह भी शामिल हैं, उनका कहना है कि जब तक भुगतान जल्द नहीं होता है, तब तक कर्ज स्थगित होने की स्थिति से बचना मुश्किल लगता है। उनका कहना है कि पाकिस्तान को आईएमएफ से अगली किस्त कब और कब मिलेगी, यह अभी भी हवा में है।
सबसे खराब आर्थिक संकट
पाकिस्तान इस समय दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। सरकार ने कई नीतिगत उपायों को लागू किया है जिनमें करों में वृद्धि, बिजली की दरों में इजाफा और 25 सालों में सबसे ज्यादा ब्याज दर शामिल है। पाकिस्तान की सरकार का मकसद इन उपायों को लागू कर आईएमएफ की तरफ से 6.5 बिलियन डॉलर का कर्ज जल्द से जल्द हासिल करना है जो कि काफी महीनों से अटका हुआ है। वित्त सचिव हमीद याकूब शेख ने पिछले हफ्ते कहा था कि अगले कुछ दिनों में एक समझौता होने की संभावना है। हालांकि यह बात भी सच है कि पाकिस्तान पिछले महीने ही इस तरह के समझौते तक पहुंचने से चूक गया है।
पाकिस्तान पर सबसे ज्यादा चीनी कर्ज
आईएमएफ के मुताबिक पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज 126 बिलियन डॉलर है, जिसमें से 30 बिलियन डॉलर चीनी कर्ज है। यह रकम पाकिस्तान के 7.8 अरब डॉलर के आईएमएफ ऋण से तीन गुना ज्यादा है। जबकि उस पर वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक का भी काफी कर्ज है। इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना ने पाकिस्तान को 1.3 बिलियन डॉलर के कर्ज को मंजूरी दे दी है। यह राशि उस 700 बिलियन डॉलर से अलग है जो पहले ही चीन की तरफ से पाकिस्तान को दी गई है। आईएमएफ ने पिछलें दिनों अस्थायी रूप से कुछ सदस्य देशों के लिए नियमों में बदलाव करके कर्ज राशि को बढ़ाया है। मगर पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट पर उसने कुछ फैसला नहीं लिया है।
[ad_2]
Source link