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10 फरवरी तक देश का विदेशी मुद्राभंडार 3.9 अरब डॉलर तक था। यह देश के लिए काफी नाजुक स्थिति है। 350 अरब डॉलर वाली पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अब फंड की कमी की वजह से मुश्किलों में घिर गई है। आयात तक के लिए देश के पास रकम नहीं है। इस हालत में हजारों कंटेनर्स जिन पर माल लदा हुआ है और इन्हें सप्लाई के लिए भेजा गया है, बंदरगाहों पर अटके हैं। इस वजह से देश में उत्पादन ठप हो गया है और लाखों लोगों की नौकरियों पर खतरा पैदा हो गया है।
कमजोर होती अर्थव्यवस्था
आरिफ हबीबी लिमिटेड के रिसर्च हेड ताहिर अब्बास का कहना है कि उन्होंने इस देश में पहले ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी है। उन्होंने कभी लिस्टेड कंपनियों को बंद होते नहीं देखा। उन्होंने चेतावनी दी कि इन कंपनियों का बंद होना आर्थिक तरक्की पर असर डालेगा। साथ ही देश में बेरोजगारी भी बढ़ेगी। अब्बास के मुताबिक कई दशकों में आई महंगाई की वजह से मांग पूरी तरह से कमजोर हो गई है। उन्होंने कहा कि साधार मांग पूरी तरह से चौपट हो गई है। उनकी मानें तो अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए प्रशासनिक उपाय ही उठाए जा रहे हैं।
बंद होगी सुजुकी मोटर
अब्बास को उम्मीद है कि जून 2022 में आर्थिक विकास दर छह फीसदी तक थी। जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक विकास दर 1% -1.25% तक धीमी रह सकती है। उनके मुताबिक साल 2018 में देश में जो संकट था, उसकी तुलना में इस समय की स्थिति बहुत खराब हो गई है। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले पाक सुजुकी मोटर कंपनी जो देश की सबसे बड़ी कार निर्माताओं में से एक है, उसने 21 फरवरी तक ऑटोमोबाइल प्लांट को बंद करने की घोषणा की है। सुजुकी मोटर कंपनी ने बंदी के लिए इन्वेंट्री की कमी का हवाला दिया है।
और भी कंपनियां बंद होने की कगार पर
वहीं, गांधार टायर एंड रबर कंपनी ने भी 13 फरवरी को अपना प्लांट बंद करने का ऐलान किया है। कंपनी की तरफ से कहा गया है कि कच्चे माल के आयात और वाणिज्यिक बैंकों से खेप की निकासी प्राप्त करने में भारी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन दो सूचीबद्ध कंपनियों के अलावा, उर्वरक, इस्पात और कपड़ा के निर्माताओं सहित कई अन्य ने अपने कारखानों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है या रुक-रुक कर परिचालन बंद कर दिया है क्योंकि वे इन्वेंट्री की कमी से जूझ रहे हैं।
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