Monday, December 23, 2024
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Pakistan Finance Minister: पाकिस्तान में सब बढ़िया है, कंगाली सिर्फ अफवाह… दाने-दाने को मोहताज अवाम, वित्त मंत्री कह रहे- सब चंगा सी!


इस्लामाबाद : एक तरफ पाकिस्तान के आर्थिक हालात बिगड़ते जा रहे हैं और देश की मुद्रा गिरती जा रही है। दूसरी तरफ मुल्क के वित्त मंत्री परिस्थितियों के सुधार की तरफ बढ़ने का दावा कर रहे हैं। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान अगले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ एक स्टाफ-लेवल एग्रीमेंट पर साइन करेगा क्योंकि वार्ता अपने अंतिम चरण में है। उनका यह बयान तब आया है जब पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले 285.09 के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों ने लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के लिए आईएमएफ के साथ अधर में लटके समझौते को जिम्मेदार ठहराया है।

इशाक डार ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘पाकिस्तान विरोधी तत्व दुर्भावनापूर्ण अफवाहें फैला रहे हैं कि पाकिस्तान डिफॉल्ट हो सकता है। यह न केवल पूरी तरह झूठ है बल्कि तथ्यों के भी खिलाफ है। एसबीपी विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है और लगभग सभी बाहरी बकाया भुगतान समय पर करने के बावजूद चार हफ्ते पहले की तुलना में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर ज्यादा है। विदेशी कमर्शियल बैंकों ने पाकिस्तान को सुविधाएं देना शुरू कर दिया है।’

‘सब सही दिशा में जा रहा’

उन्होंने कहा, ‘आईएमएफ के साथ हमारी बातचीत खत्म होने वाली है और हम अगले हफ्ते तक आईएमएफ के साथ स्टाफ लेवल एग्रीमेंट पर साइन करने की उम्मीद करते हैं। सभी आर्थिक संकेतक धीरे-धीरे सही दिशा में जा रहे हैं।’ यह वही इशाक डार हैं जिन्होंने देश के आर्थिक संकट पर बयान देते हुए जनवरी में कहा था कि इस्लाम के नाम पर बने पाकिस्तान के विकास की जिम्मेदारी अल्लाह की है। उन्होंने कहा था कि अल्लाह अगर पाकिस्तान बना सकते हैं तो वही इसे अमीर भी बना सकते हैं।

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बुरे हो रहे पाकिस्तान के हालात

पिछले वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल को हटाए जाने के बाद पिछले साल सितंबर में इशाक डार ने पदभार संभाला था। 17 फरवरी को खत्म हुए हफ्ते तक पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास करीब 3 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार बचा था जो सिर्फ तीन हफ्तों के आयात को कवर कर सकता था। पाकिस्तान की सालाना मुद्रास्फीति फरवरी में 31.55 प्रतिशत के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। कहा जा रहा है कि जुलाई 1965 से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक यह अब तक की सबसे बड़ी सीपीआई बढ़ोतरी है जिसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है।



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