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पाकिस्तानी पत्रकार वीनगास ने दावा किया है कि करिश्मा कुमारी को अपने माता-पिता के पास जाने की अनुमति नहीं दी गई है। पाकिस्तान की अदालत ने उसका अपहरण करने वाले शख्स के पक्ष में फैसला सुनाया है। लड़की के माता-पिता को भी उससे मिलने की इजाजत नहीं दी गई है। ‘पाकिस्तान अनटोल्ड’ नाम के ट्विटर हैंडल ने भी अपने दावे में कहा कि पाकिस्तानी अदालत ने 15 साल की नाबालिग हिंदू बच्ची करिश्मा को उसके इस्लामी अपहरणकर्ता को सौंप दिया। लड़की के माता-पिता कोर्ट में रोते रहे और अपनी बेटी से मिलने की भीख मांगते रहे लेकिन इस्लामवादी अदालत ने मना कर दिया।
घर में घुसे थे तीन हथियारबंद अपहरकर्ता
मीरपुरखास के नौकोट कस्बे से अगवा की गई बच्ची को लेकर दूसरे पक्ष का दावा है कि उसकी उम्र 19 साल है। उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल कर शादी की है। बीबीसी की खबर के अनुसार, करिश्मा के पिता रमेश कुमार भील ने बताया कि कैसे तीन हथियारबंद लोग जबरन उनके घर में घुसे और उनकी बेटी का अपहरण कर लिया। बेटी के अपहरण के बाद वे तुरंत पुलिस के पास पहुंचे और मदद की गुहार लगाई। लेकिन पुलिस ने त्वरित कार्रवाई के बजाय उन्हें दो घंटे तक इंतजार कराया।
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कथित सर्टिफिकेट में किया गया मुसलमान होने का दावा
आखिर में पुलिस ने रमेश को बिना किसी मदद के कार्रवाई का आश्वासन देकर घर भेज दिया। रमेश का आरोप है कि उनकी बेटी नाबालिग है और उसकी जबरन शादी करवाई गई है जो अवैध है। उन्होंने पुलिस पर उचित कार्रवाई न करने का भी आरोप लगाया था। हाल ही में एक कथित सर्टिफिकेट के माध्यम से करिश्मा भील के मुसलमान होने का दावा किया गया था। इसमें उसकी उम्र 19 साल बताई गई थी। यह ताजा मामला पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति को उजागर करता है जिस पर पड़ोसी देश में हर कोई मौन है।
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