भारत ने बैठक के लिए पाकिस्तान को आमंत्रित किया
इससे पहले जनवरी में एससीओ की अध्यक्षता कर रहे भारत ने इस बैठक के लिए पाकिस्तान को आमंत्रित किया था। इसके अलावा पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को भी एससीओ की बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। इस ऐलान के बाद अब साफ हो गया कि आसिफ भी बैठक में हिस्सा लेंगे लेकिन यह भागीदारी वह आकर करेंगे या वर्चुअल, यह अभी तय नहीं है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के इस ऐलान को बिलावल समेत शहबाज सरकार के रुख में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
दरअसल, पाकिस्तान में बिलावल की यात्रा को लेकर दो फाड़ हो गया था। एक गुट चाह रहा था कि भारत के साथ खराब रिश्तों को देखते हुए केवल जूनियर अधिकारियों को भारत भेजा जाए। वहीं दूसरा पक्ष इससे सहमत नहीं था। इस गुट का कहना था कि एससीओ में चीन और रूस जैसे शक्तिशाली देश हैं, ऐसे में पाकिस्तान को इस मौके का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करना चाहिए। पाकिस्तान कंगाली से जूझ रहा है और देश के डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। अगर चीन ने अरबों डॉलर का ताजा लोन नहीं दिया होता तो पाकिस्तान अब तक डिफॉल्ट हो चुका होता।
चीन के डर से आने को मजबूर हुए बिलावल भुट्टो
माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने बिलावल की यात्रा को लेकर चीन के साथ विचार विमर्श किया है। चीन के सख्त रुख के बाद आखिरकार पाकिस्तानी विदेश मंत्री भारत आने के लिए मजबूर हुए हैं। चीन एससीओ का संस्थापक सदस्य देश है और उसी के कहने पर पाकिस्तान को पूर्ण सदस्यता मिली थी। यही वजह है कि बिलावल भारत आने न्योते को ठुकरा नहीं पाए। एससीओ सदस्यों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने द्विपक्षीय विवाद को इस वैश्विक मंच से दूर रखेंगे। बिलावल की इस यात्रा के ऐलान के बाद अब यह भी लगभग तय हो गया है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी भारत आ सकते हैं। शहबाज शरीफ ने यूएई में भारत से दोस्ती की गुहार लगाई थी।